प्रयागराज के अधिकारियों का अजब हाल
एंटी करप्शन कमेटी एलियंस भ्रष्टाचार निर्मूलन समिति के बीरेंद्र कुमार मिश्र मीडिया आबजरवर प्रयागराज निवासी ग्राम पंचायत- भवानीपुर, विकासखंड- कोरांव, जनपद प्रयागराज के द्वारा ग्राम पंचायत भवानीपुर में कराए गए कार्यों की जांच कराए जाने के लिए शिकायती शपथ पत्र दिनांक 3 जनवरी 2019 को पूर्व मुख्य विकास अधिकारी श्री सैमुअल एन पाल से मुलाकात कर जांच कार्यवाही के लिए दिया गया था। जिस के संबंध में पूर्व जिलाधिकारी श्री सुहास एल वाई प्रयागराज के द्वारा जांच टीम गठित कर पत्रांक संख्या- 77 83 दिनांक 19 जनवरी 2019 को जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी प्रयागराज को जांच कार्यवाही सौंपी गई थी। जिस के संबंध में जांच अधिकारी द्वारा दिनांक 27 फरवरी 2019 को ग्राम पंचायत भवानीपुर जांच करने गए परंतु विकासखंड- कोरांव के खंड विकास अधिकारी,सहायक विकास अधिकारी जांच स्थल पर उपस्थित नहीं थे तथा पंचायत सचिव राकेश कुमार भी साक्ष्य को छिपाने के लिए जांच स्थल पर उपस्थित नहीं थे। साक्ष्य को छिपाने के लिए ऐसा किया गया ताकि अभिलेख ना मिलने के कारण जांच पूर्ण न हो सके जबकि जांच स्थल पर अभिलेख के साथ पंचायत सचिव का होना जरूरी था, जांच अभिलेख के आधार पर होना चाहिए परंतु ऐसा नहीं किया गया।ग्राम प्रधान संतोष कुमार जांच स्थल पर उपस्थित थे,जब ठीक ढंग से जांच नहीं की गई तब शिकायती शपथ पत्र दिनांक 5 मार्च 2019 व शिकायती पत्र दिनांक 6 मार्च 2019 जांच कार्यवाही के लिए दिया गया था। जिस के संबंध में जांच अधिकारी दिनांक 6 जून 2019 को जांच करने ग्राम पंचायत भवानीपुर आए परंतु स्थलीय सत्यापन नहीं किया गया पंचायत सचिव राकेश कुमार जांच स्थल पर आए परंतु अभिलेख नहीं दिखाया गया बिना अभिलेख के ही जांच की गई, वार्ड सदस्यों द्वारा जब पूछा गया कि आज तक ग्राम सभा की बैठक जब नहीं की गई तो कार्यवाही कैसे पूर्ण हो जाती है,तब पंचायत सचिव चुप रहे एंटी करप्शन कमेटी के वीरेंद्र कुमार मिश्र के द्वारा जब जांच अधिकारी से पूछा गया कि जब आप दिनांक 27 फरवरी 2019 को पंचायत में जांच करने आए थे तब पंचायत सचिव अभिलेख लेकर गायब थे और आज दिनांक को जब पंचायत सचिव जांच स्थल पर आए तो अभिलेख लेकर नहीं आए हैं तो मैं यह जांच नहीं मानूंगा मैं चाहता हूं की अभिलेख जांच स्थल पर हो, अभिलेख के आधार पर जांच हो ताकि पंचायत के लोगों को भी पता हो कि कार्यवाही बगैर वार्ड सदस्य के दस्तखत के कैसे पूर्ण की गई। तब जांच अधिकारी द्वारा यह कहा गया कि अभिलेख मै अपने ऑफिस में मंगा कर देख लूंगा जो भी वार्ड सदस्य जांच स्थल पर थे, जब वार्ड सदस्यों द्वारा पूछा गया कि मेरा दस्तखत कौन करता है कार्यवाही रजिस्टर पर तब जांच अधिकारी दस्तखत मिलान करने के लिए दस्तखत करवाए थे। जबकि ग्राम प्रधान संतोष कुमार पंचायत के पैसे से दो फ्रेस बोर अपने खेत व दरवाजे पर करवाए थे जो रिबोर में नहीं आता जिस के संबंध में जांच अधिकारी द्वारा जांच आख्या के पैरा 6 में यह बताया गया कि स्थलीन निरीक्षण में ग्राम प्रधान द्वारा अवगत कराया गया कि उल्लिखित बोर मेरी निजी भूमि पर नहीं होकर ग्राम सभा की जमीन पर है। पंचायत सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि इस भूमि को लेखपाल एवं अन्य अधिकारियों की सहमति से विवाह स्थल के रूप में चिन्हित कर लिया गया है इस प्रकार शिकायत को जांच अधिकारी द्वारा निराधार बताया गया, जबकि विवाह स्थल वहां पर है ही नहीं।बीरेंद्र कुमार मिश्र के द्वारा यह भी बताया गया कि ग्राम पंचायत भवानीपुर के धन से ग्राम पंचायत मानपुर के मजरा जियापुर में इंटर लॉकिंग का कार्य करवाया गया, जिसके संबंध में जांच अधिकारी द्वारा जांच आख्या के पैरा 11 में यह बताया गया कि इस संदर्भ में स्थलीय निरीक्षण के समय पंचायत सचिव द्वारा लेखपाल से प्रमाणित नजरी नक्शा एवं खतौनी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि इंटर लॉकिंग के कार्य ग्राम पंचायत भवानीपुर में ही करवाया गया है शिकायत निराधार, जबकि पैमाइश कराकर के जांच किया जाना चाहिए परंतु ऐसा नहीं किया गया। वीरेंद्र कुमार मिश्र के द्वारा यह भी बताया गया कि पंचायत ओडीएफ हो चुका है फिर भी अभी तक में 50 शौचालय का भी निर्माण नहीं हो सका बल्कि ग्राम प्रधान अपने लोगों को चेक व ठेकेदारी से घटिया किस्म का आधा अधूरा शौचालय बनवाया गया। जिसके संबंध में जांच अधिकारी द्वारा जांच आख्या के पैरा 9 मे यह अवगत कराया गया कि स्थलीय जांच में पाया गया कि ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव द्वारा शौचालय निर्माण में लापरवाही बरती गई यद्यपि ग्राम पंचायत को ओडीएफ घोषित किया गया है परंतु वास्तव में बहुत ही कम शौचालयों का निर्माण हुआ है। कई शौचालयों में मात्र टॉयलेट सीट बैठाई गई है और कई में कोई गड्ढा टैंक नहीं खोदा गया है कई में मात्र चार दीवारें खड़ी कर दी गई है। इस संदर्भ में पंचायत सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि शौचालय के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष सभी शौचालय लगभग पूर्ण है। खाते मे धनराशि मिलने के बाद भी शौचालय निर्माण न करने वाले लाभार्थियों को नोटिस जारी की जा रही है। इस संबंध में भुगतान संबंधित बैंक अभिलेख पंचायत सचिव द्वारा उपलब्ध कराए गए जिसके अवलोकन से स्पष्ट होता है कि पात्र लाभार्थियों को धनराशि निर्गत किया गया है, परंतु धरातल पर नाम मात्र के शौचालय का निर्माण पूर्ण होना ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव द्वारा अवशेष कार्य शीघ्र पूर्ण करा लेने का आश्वासन दिया गया है। वीरेंद्र कुमार मिश्र का कहना है कि ग्राम पंचायत भवानीपुर श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन मिशन में चयनित है जो आर ई एस विभाग द्वारा ठेकेदारी से इंटर लॉकिंग का कार्य प्रधान की देखरेख में करवाया गया है जो मानक के विपरीत व घटिया किस्म का करवाया गया है। जिस के संबंध में जांच अधिकारी द्वारा जांच आख्या के पैरा 7 में यह बताया गया कि इस संदर्भ में ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि यह कार्य ग्राम पंचायत निधि से संबंधित नहीं है अतः इसकी जांच नहीं की गई है। वीरेंद्र कुमार मिश्र के द्वारा यह बताया गया कि ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव व रोजगार सेवक के विरुद्ध आवास लाभार्थियों से धन उगाही के कारण अपराध संख्या 469 वर्ष 2017 धारा 406, 409 आईपीसी व 7, 13 के तहत दिनांक 12 अक्टूबर 2017 को मुकदमा थाना कोरांव में दर्ज है जिस के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के द्वारा जमानत खारिज दिनांक 10 नवंबर 2017 को कर दिया गया था उसके बाद भी ग्राम पंचायत भवानीपुर का खाता सीज नहीं किया गया है। वीरेंद्र कुमार मिश्र का यह कहना है कि जांच अधिकारी जांच आख्या के पैरा 12 में यह अवगत कराएं है कि स्थलीय जांच के समय उपस्थित ग्रामवासियों द्वारा अवगत कराया गया कि वीरेंद्र कुमार मिश्र एवं उनके पिता श्री त्रिलोकी नाथ मिश्र पेशेवर शिकायतकर्ता है। इनके द्वारा समय-समय पर ग्राम प्रधान पर दबाव बनाकर व्यक्तिगत लाभ लेने का प्रयास किया जाता है जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है जांच अधिकारी खुद ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव से मिल लिए इसी वजह से ऐसी जांच आख्या बनाए हैं, ऐसे भ्रष्ट जांच अधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किया जाना न्यायसंगत होगा ताकि ऐसी फर्जी जांच आख्या कोई भी जांच अधिकारी न लगाएं। जिस के संबंध में वीरेंद्र कुमार मिश्र के द्वारा जांच कार्यवाही के लिए शिकायती शपथ पत्र दिनांक 4 दिसंबर 2019 को मुख्य विकास अधिकारी प्रयागराज व जिला पंचायत राज अधिकारी प्रयागराज को जांच कार्यवाही के लिए दिया गया। परंतु जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव अपने पद का दबाव दिखा कर अभी तक जांच कार्यवाही को रोके हुए हैं जांच नहीं करवाई जा रही है।वीरेंद्र कुमार मिश्र जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव से कई बार जांच के संबंध में मुलाकात भी किये तथा खाता सीज किए जाने के लिए भी कहा गया परंतु अभी तक जिला पंचायत राज अधिकारी के द्वारा कुछ भी नहीं किया गया। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध में विभागीय कार्यवाही त्वरित कार्यवाही किया जाना न्यायसंगत होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया तो वीरेंद्र कुमार मिश्र का कहना है कि जो भी जांच करवाई गई है उसका पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग वीरेंद्र कुमार मिश्र के पास उपलब्ध है।यदि जांच करवाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गई तो माननीय उच्च न्यायालय में वाद दाखिल करने में बाध्य होंगे जिसके जिम्मेदार संबंधित अधिकारी होंगे।
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