14 अप्रैल भारतीय समाज का मुक्ति दिवस है इस दिन उस महानायक का जन्म हुआ जिसने दासता की बेड़ियों मे जकड़े समाज/ खासकर महिलाओं की जंजीरों की एक-एक कड़ी को न सिर्फ बेरहमी से काटा अपितु हक वंचित समाज को सम्पूर्ण हकों से आच्छादित करने के लिए कानूनी अधिकार भी दे दिया हैं l
अतएवं इस दिवस को हमें ज्योति पर्व के रुप मे धूम-धाम से मनाना चाहिये l आप तैयार है दीपोत्सव के लिए , यह एक बेहतरीन तरीका है अपनी एकता प्रदर्शित करने और अपने महानायक को याद करने का l क्रांति के शुभारम्भ के आगाज के पुनीत अवसर पर आप सभी बाबा साहब डाॅ भीम राव अम्बेडकर के अनुयायियों का इस्तिकबाल है ,अपेक्षा है आप सभी 14 अप्रैल को अपने-अपने घरों को रोशन कर नये युग का प्रारब्ध करेंगे l
नोटः आपकी कृपणता जग जाहिर है टिप्पणियां प्रदर्शित करने में आपकी सुस्ती फिर आड़े आएगी। जब आप अपनी अकर्मण्यता से नहीं ऊब रहे हैं,तब हम अपनी सक्रियता को बर्फ़ की सिल्ली के नीचे छिपाकर क्यों रखें? यह शुरुआत है मनमौजी स्वभाव व प्रतिबद्धतापूर्ण कर्मठता के द्वंद्व की। निर्णय आपके हाथ हैं *मुफ़्त की खाने वालों का* दिये गये तमगे को स्वीकार या प्रदर्शन करेंगे बेबुनियाद आरोपों को मुँहतोड़ जवाब देने के हुंकार की!
गौतम राणे सागर ।
जय भीम , जय भारत l
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