मोहर्रम पर मौला का गम मानने को कम से कम लोगों को इजाजत दी जाए : जैदी

 

बदायूँ! कोविड-19 संक्रमण काल में तीज-त्यौहारों पर सदियों से चलती आ रही परंपराएं भी खत्म हो रही हैं। शिया तुनज़ीमुल मोमिनीन कमेटी के जाबिर ज़ैदी ने कहा कि मोहर्रम के दौरान बड़े-बड़े ताजिए और जुलूस निकाले जाते थे।

देर रात तक मजलिसो के दौर चलते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते वह सब इस बार नहीं होगा यानी मुहर्रम पर सदियों से चलती आ रही परंपरा पर कोरोना का ग्रहण लग गया है। 

मुहर्रम कमेटी के जाबिर ज़ैदी ने बताया कि ‘ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड’ ने मुहर्रम पर जुलूस और मजलिस को लेकर एडवाइजरी जारी की है।

जैदी ने कहा कि शादी में 50 लोग और मौत में 50 लोगो की अनुमति सरकार ने दी है हम सरकार से मांग करते हैं कि मोहर्रम के लिए भी कम से कम लोगों इजाजत दी जाए ताकि हम सब अपने मोला का गम मना सकें।

मुहर्रम एक समुदाय व एक कौम के नही है मोहर्रम पर हर धर्म इमाम हुसैन के गम में शरीक होता है मोहर्रम कोई त्योहार नहीं है मोहर्रम गम का महीना है और बताया कि मुहर्रम पर जुलूस और मजलिस को लेकर एडवाइजरी जारी की जाए और उसके अनुसार ही मोहर्रम मनाया जाये। 

श्री ज़ैदी ने कहा केंद्र व प्रदेश सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए मुहर्रम मनाया जायेगा। 

उन्होंने बताया कि हमारे धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वा द और मौलाना यासूब अब्बास साहब की लगातार इस मोहर्रम को लेकर लखनऊ में बैठक हुई है

उन्होंने बताया कि देशभर के उलमा से राय मशविरा करने के बाद मजलिस व जुलूस को लेकर अलग-अलग एडवाइजरी जारी की गई हैं। एडवाइजरी में मजलिस को समय पर शुरू करने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करने पर जोर दिया गया है। साथ ही मजलिस में आने वाले लोगों को मुफ्त में मास्क वितरित किया जाएगा। 

उन्होंने लोगों से मजलिस में भीड़ न लगाने की अपील की गई है। जैदी ने बताया कि शिया कौम एक पढ़ी-लिखी कौम है। कोई भी काम ऐसा नहीं करेंगे, जिससे कि बीमारी फैले या संक्रमण को बढ़ावा मिले। इसलिए जो गाइडलाइन तय की जाएगी उसके अनुसार ही मुहर्रम मनाया जाएगा। मजलिस स्थल में बैठने की जगह अधिकांश लोग अपने घरों में टीवी या मोबाइल पर ऑनलाइन मजलिस में शामिल हो सकते हैं। मजलिसों का लाइव प्रसारण किया जाएगा।

इसके साथ ही मजलिस में आने वाले लोगों को मुफ्त में मास्क वितरित किए जाएंगे। उन्होंने लोगों से मजलिस में भीड़ न लगाने की अपील की है।जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि जुलूस का आयोजन करने वाली तनजीम केंद्र व राज्य सरकार की गाइडलाइन का पालन कर प्रशासन की अनुमति से मुहर्रम के जुलूस निकालें। जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद जुलूस में भीड़ न जुटने दी जाए।

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