पंडित बलभद्र प्रसाद दीक्षित पढ़ीस इस क्षेत्र के पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने इन्टरमीडिएट पास किया और क्षेत्र में शिक्षा का प्रसार करने का प्रयास किया। अवधी साहित्य जगत सदैव उनका आभारी रहेगा। यह बात ग्राम अम्बरपुर के पूर्व प्रधान छन्नूलाल शुक्ल ने स्व० पढ़ीस जी के पैत्रिक अम्बरपुर में स्थित उनके जन्मस्थान पर आयोजित जयन्ती समारोह में बोलते हुए कही।
उन्होंने कहा कि गाँधी दर्शन से प्रभावित पढ़ीस जी ने लोगों की अपनी भाषा में साहित्य-रचना करके आम जनता में अलख जगाने की कोशिश की। इससे पूर्व बालिका मानसी ने स्व० पढ़ीस जी के चित्र पर रोली और पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वयोवृद्ध स्वामीदयाल शुक्ल ने पढ़ीस जी के चित्र पर माल्यार्पण किया।
अन्य उपस्थित लोगों ने भी पुष्पार्चन किया। पढ़ीस जी के प्रपौत्र वंश दीक्षित ने अपने पितामह और पढ़ीस जी के पुत्र स्व० लवकुश दीक्षित की वाणी वन्दना उन्हीं की शैली में प्रस्तुत करके कार्यक्रम का आगाज़ किया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे अधिवक्ता एवं लेखक अनूप कुमार ने पढ़ीस जी के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि वे सच्चे अर्थों में जनकवि थे। दुर्भाग्यवश उन्हें बहुत कम आयु मिली । यदि तकनीक की बात करें तो आज से 79 साल पहले वे जनसंचार के उस समय के सबसे आधुनिक माध्यम रेडियो के साथ काम कर रहे थे।
इस अवसर पर शिव कुमार शुक्ला, मोहित श्रीवास्तव, मदन यादव, श्रीपति मिश्र, राकेश शुक्ला, नागेन्द्र शुक्ल, बबलू दीक्षित, अनिल दीक्षित, संतोष दीक्षित, कार्तिक दीक्षित, शुचि दीक्षित सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे।
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