बीएसपी हुई एनपीए.....


 बहुजन समाज की राजनीतिक प्रगति में बहन मायावती जी सबसे बड़ी बाधा है इन्हें दल से घात करने के लिए  पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अविलंब 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर देना चाहिए। अब प्रश्न उठता है इन्हें बेदखल करेगा कौन; भ्रष्टाचार का बादशाह भाई आनंद, राजतंत्र की तर्ज़ पर थोपा गया नेता नालायक भतीजा आकाश, सैंडिल में पॉलिश करने वाला राष्ट्रीय महासचिव मेवा लाल, या कैशियर व नया राष्ट्रीय महासचिव राम औतार या सतीश चन्द्र मिश्रा ( कुमारिल भट्ट)? 

     यदि अपुष्ट खबरों को आधार माने तो चुनाव हारने के लिए बहन जी ने बीजेपी से बड़े माया की डील की है। ठीक उसी तरह जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, कबड्डी, रेस कोर्स या अन्य खेलों में मैच फिक्स होता है उसी तरह यह चुनाव भी सुनियोजित तरीके से फिक्स्ड था। दिनांक 19 जुलाई 2021 को हमने अपने टाइमलाइन पर एक पोस्ट डाला था जिसमें खुलासा किया था बीएसपी ( बहन जी संपत्ति परियोजना) 2022 के चुनाव में खाता खोलने में यदि सफ़ल हो गई तब इसके लिए दहाई का आंकड़ा छू पाना असंभव होगा। यह परियोजना चुनाव बाद एनपीए में चली जायेगी परिणाम आपके सामने है। यदि आप सभी बाबा साहेब डॉ आंबेडकर द्वारा आरोपित समानता के वृक्ष जिसे  अपनी हड्डियों का खाद लहू का पानी देकर कांशी राम साहब ने सींचा है उसे मुरझाने से बचाना चाहते हैं तो बहन मायावती जी के निष्कासन की मांग कर्कश स्वर में करें।

*गौतम राणे सागर*

 राष्ट्रीय संयोजक,

संविधान संरक्षण मंच।

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