मथुरा वृंदावन में मांसाहार के होटलों के लाइसेंस निरस्त करने पर उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप


मथुरा नगरपालिका के 22 वार्डो में मांसाहारी भोजन के होटल रेस्टोरेंट के बिक्री पर लगी रोक पर दुकानदारों के लाइसेंस निरस्त किये जाने के विरुद्ध दाखिल रिट याचिका में माननीय न्यायमूर्ति श्री एस डी सिंह और न्यायमूर्ति श्री शेखर यादव के खंड पीठ ने अधिवक्ता के के राय व वरिष्ठ अधिवक्ता  श्री ओपी सिंह को तथा स्थायी अधिवक्ता को सुनने के बाद सरकार को एक सप्ताह का समय   दिया है और याचिका को आगे की सुनवाई के लिए 9 मार्च की तिथि नियति की है ।

याचिका मुजाहिद मोहम्मद व 9 अन्य होटल रेस्टोरेंट के लाइसेंस धारकों द्वारा किया गया है । 

याचिका कर्ता के अनुसार अपर मुख्य सचिव , उत्तर प्रदेश सरकार के अधिसूचना द्वारा मथुरा व वृंदावन को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित कर नगर निगम के 22 वार्डो को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित किया गया जिसके अनुपालन में खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा याचिका कर्ता के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए ।

याचिका कर्ता के अनुसार उन्हें न तो कोई नोटिस दी गयी न सुनवाई के अवसर । 

किसी कानून में  इस प्रकार का कोई प्रतिबंध भी नही है और यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 21का उल्लंघन है ।

कोर्ट नम्बर 21 , सीरियल नम्बर 34 F । 2 मार्च 2022 ।

प्रेषित 

के के राय

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