गन्ना मूल्य भुगतान समय से कराना हमारे सरकार की पहली प्राथमिकता,किसान वैज्ञानिक ढंग से खेती कर बढ़ाये उपज-कामेश्वर सिंह

 


भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर किसान मोर्चा द्वारा चलाये जा रहे सामाजिक न्याय पखवाड़े के अंतर्गत 10 अप्रैल को जनपद कुशीनगर के सींगहा में जिला किसान मोर्चा द्वारा किशन सम्मेलन का आयोजन किया गया । सम्मेलन के मुख्य अतिथि किशान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री कामेश्वर सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जब किसानों का विकास होगा तभी गाँव और प्रदेश का विकास होगा उसके लिए जरूरी है कि किसान भाई वैज्ञानिक ढंग से खेती करे। उन्होंने सहफसली खेती पर भी जोर दिया।

 


उन्होंने कहा कि गन्ने के साथ आलू, प्याज़ ,लहसुन ,गोभी, टमाटर आदि बो कर खेत का भरपूर प्रयोग करे उससे श्रमिकों को रोजगर भी मिलेगा और निश्चित रूप से फसल से किसानों को दोगुना लाभ होगा। 

इसी क्रम में पूर्व विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कहा कि आय बढ़ाने के लिए किसान अपनी फसल का उपज बढ़ाए और वैज्ञानिक विधि अपना कर उत्पादन लागत घटाए। इस सम्मेलन को भाजपा के जिला अध्यक्ष प्रेमचन्द मिश्र व रामकोला के नवनिर्वाचित विधायक तथा किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री विनय कुमार गोंड ने भी संबोधित किया।

 किसानों को संबोधित करते हुए गन्ना किसान संस्थान पिपराइच गोरखपुर के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने  बताया कि किसान गन्ना फसल को सूखने से बचाने के लिए 50 प्रतिशत छेत्रफल में गन्ने कि अगेति प्रजाति तथा 50प्रतिशत में मध्य देर से पकने वाली प्रजातियों की समय से बोआई करे । आय बढ़ाने के लिए गन्ने के साथ आलू, प्याज, मूँग, धनिया लहसून, गोभी, टमाटर की भी खेती करे । यहां पर इन सहफ़सलों का फोटोग्राफ भी उपस्थित किसानों को दिखाया गया । इसको ले कर गन्ना संस्थान द्वारा विशेष प्रशिक्षण अभियान चलाया जा रहा है ।


 इसके पूर्व किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष अजय राय सहित मोर्चा के सभी पदाधिकारियों ने मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर स्वागत किया ।  इस किसान सम्मेलन के आयोजक ज़िला महामंत्री शत्रुघ्न शाही ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। इस दौरान किसान मोर्चा के जिला महामंत्री विजय तिवारी , उमेश सिंह , ग्राम प्रधान पंकज शाही , डॉ देवेश शाही , किसान मोर्चा मण्डल अध्यक्ष दिनेश कुमार जायसवाल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता व किसान उपस्थित रहे।  

                                          दिनेश कुमार जायसवाल की रिपोर्ट।

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