लखनऊ 11 जून। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने केन्द्र सरकार पर किसानों के साथ छल करने का आरोप लगाते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अध्यक्षता में समिति ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम0एस0पी0) में वृद्धि को जो मंजूरी दी है वह ऊँट के मुँह में जीरा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसपी तय करते समय किसानों की फसल की लागत पर खर्च होने वाले लेबर चार्ज, बीज, उर्वरक, खाद, सिचाई बिजली, ईधन आदि को ध्यान में नहीं रखा जबकि मंहगाई बढ़ने से फसल लागत बढ़ गई है।
श्री राय ने कहा कि किसानों की फसलों की लागत बढी होने पर भी मंडियों में लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा। सरकार का किसानों की आय दुगुनी करने का वादा जुमला बनकर रह गया है। किसानों के पास न दवाई के लिए पैसे हैं और न ही बच्चों की पढ़ाई के लिए। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि क्षेत्र में अधिक फायदा हो, सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है जबकि कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य साधन है। केन्द्र सरकार ने कृषि में बढ़ती लागत और मंहगाई की मार झेल रहे देश के करोड़ों किसानों के साथ धोखा किया है।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने किसानों की पीड़ा को याद दिलाते हुये कहा कि किसान आन्दोलन के समय भूखे प्यासे बैठे किसान एम0एस0पी0 की गारण्टी की मांग रहे थे उस समय भी सरकार द्वारा उन पर लाठियां ही बरसाई गयी थी इतना ही नहीं किसान आन्दोलन के समय लगभग 700 किसान शहीद हो गये थे और सरकार उन्हें खालिस्तानी तथा आतंकवादी कहती रही और उनको श्रद्धांजलि देना भी उचित नहीं समझा था। अन्ततोंगत्वा अन्नदाता ही विजयी हुये और सरकार को अपनी हठधर्मिता को छोडना पड़ा। देश की वह सरकार आतताई सरकार कही जायेगी जिसके शासन में कृषि प्रधान देश का किसान भुखमरी और बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका हो।
(सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी)
वरिष्ठ नेता
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