हक की बात जिलाधिकारी के साथ कार्यक्रम का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम ने किया।
उक्त कार्यक्रम महिला कल्याण विभाग द्वारा मिशन शक्ति 4.0 योजना अंतर्गत आयोजित की गई थी। आयोजित कार्यक्रम में लैंगिक असमानता, कन्या भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न आदि पर जिलाधिकारी से पारस्परिक संवाद स्थापित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित बालिकाओं, महिलाओं द्वारा जिलाधिकारी महोदय से अपने मुद्दे से संबंधित प्रश्न पूछे गए और जिलाधिकारी द्वारा बड़ी सहजता से उत्तर दिया गया।
इस क्रम में जिलाधिकारी ने उपस्थित को संबोधित करते हुए कहा कि अपने हक की लड़ाई खुद ही लड़नी पड़ती है। उन्होंने स्वाधीनता सेनानियों का उदाहरण देते हुए बताया कि वे लड़े तभी आजादी मिली। घर बैठे किसी भी समस्या का समाधान संभव नहीं है। दहेज प्रथा के संदर्भ में उन्होंने बताया कि यह एक सामाजिक कारण है। उन्होंने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी बात को सशक्तिकरण के लिए रखें। उन्होंने कहा कि स्कूल से ही बच्चों को लैंगिक समानता के प्रति सोच विकसित करनी होगी। उन्होनें कहा कि महिला सशक्तिकरण का मतलब सिर्फ आर्थिक सशक्तिकरण नहीं बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण भी है। जिलाधिकारी ने कहा कि बचपन से कई सारी चीजें हम सीखते हैं, कैसे रहना है, समाज में क्या मूल्य है, लड़के लड़की की वैल्यू क्या है, हर कोई सोसाइटी से कुछ ग्रहण करते हैं। बच्चों के दिमाग में बचपन से ही यह बात बैठ जाती है कि घर में कमाने वाली की वैल्यू ज्यादा है तथा गृहिणी की वैल्यू कम है। उन्होनें कहा कि घर संभालना एक मुश्किल कार्य है। किसी भी चीज की जरूरत हो तो बच्चा पहले पिता की तरफ ही देखता है। यह सोच घर से ही विकसित होती है। मां की तुलना में पिता का मूल्य ज्यादा होता है।
कानून आपकी मदद कर सकता है, समस्या का समाधान नहीं। इसलिए आपको खुद ही आगे आना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कहीं ना कहीं हिचक और घबराहट से बाहर निकलने की जरूरत है। यदि आप सही हैं तो लड़ना पड़ेगा। उन्होंने निकटतम थाने और तहसील में महिला हेल्प डेस्क में अपनी बात रखने के लिए उपस्थित महिलाओं को कहा। उन्होंने कहा कि समाज मे बाल विवाह या अन्य कुरीतियां घटित हो तो आंखें बंद करके भी नहीं रहना चाहिए आप अपनी सूचना को गोपनीयता के आधार पर दे सकते हैं। आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपजिलाधिकारी भावना सिंह ने कहा कि हमें बराबरी की लड़ाई लड़नी होगी। इसकी शुरुआत घर से ही होनी चाहिए। लैंगिक भेद भाव माता-पिता की सोच में भी शामिल है। उन्होंने कहा कि किसी भी सामाजिक अधिकारों के प्रति जागरूक होना जरूरी है।दहेज प्रथा कानूनन समाप्त हो चुकी है, लेकिन समाजिक रूप से अभी भी प्रचलन में है।
महिला थाना अध्यक्ष रेखा देवी ने कहा कि जब हम शिक्षित होंगे तभी समस्या का समाधान होगा। महिला हेल्प डेस्क व हेल्पलाइन नंबर 1090 और 112 पर शिकायत किया जा सकता है। आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।
इस अवसर पर प्रतिनिधि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ताहिर अली, जिला प्रोबेशन अधिकारी विनय कुमार,जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेंद्र कुमार राय, जिला सूचना अधिकारी कृष्ण कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक मनमोहन शर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्य प्रकाश त्रिपाठी, महिला कल्याण अधिकारी प्रतिभा सिंह, निवेदिता पांडे, वंदना आदि मौजूद थे।
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