भागवत कथा के षष्ठम दिवस पर कथा व्यास पुष्पेन्द्र शास्त्री जी का पूर्व विधायक यशपाल सिंह चौहान ने पटका एवं माल्यार्पण कर स्वागत सम्मान किया


 हाथरस-सि.राऊ । हुसैनपुर कोडरापुल पर श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठम दिवस पर कथा व्यास पुष्पेन्द्र शास्त्री जी का पूर्व विधायक यशपाल सिंह चौहान ने पटका एवं माल्यार्पण कर स्वागत सम्मान किया एवं पूर्व विधायक यशपाल सिंह चौहान जी का शाल एवं माल्यार्पण कर स्वागत सत्यप्रकाश यादव प्रधान सराय,भाईचारा सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश यादव संघर्षी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हरपाल सिंह यादव, राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह, महंत धीरेन्द्र ब्रह्मचारी जी महाराज, राजपाल सिंह ने किया।

भागवत कथा के षष्ठम दिवस की शुरुआत भागवत आरती , विश्व शांति एवं भाईचारे के लिए प्रार्थना के साथ की गई।

   


कथा व्यास पुष्पेन्द्र शास्त्री ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि आज कथा के षष्ठम दिवस में हम और आप सभी सर्प्रथम प्रभु की कथा का रसास्वादन ग्रहण करेंगे। रसिक जन गोविन्द की कृपा के बूंद को तरस रहे भक्तो उन सब प्रभु प्रेमियों को राधे राधे मेरे प्यारों जहां आप बैठे हो ये मेरे ठाकुर जी की प्रेम नगरी है। यहाँ आकर भी अगर तुम्हारे ह्रदय में ठाकुर से प्रेम नहीं जगा तो समझना बहुत पहाड़ जैसे पाप कर रखे है। लेकिन यहाँ आने वालों को एक बात सावधानी से रखनी चाहिए यहाँ वो न आये जो भोगो में लिप्त रहना चाहते है यहाँ वो आये जो अपना सर्वश्य लुटाकर सिर्फ श्याम को पाना चाहते है। यहाँ सभल कर आना मुँह उठाकर चले मत आना क्यों कि अगर चले भी गए तो वापस आना पडेगा यहाँ की भूमी बड़ी चुम्बक की तरह खींच लेती है। जाए भय भी लौटकर आ जाते है।

   महंत धीरेन्द्र ब्रह्मचारी जी महाराज ने कहा कि गोपियों ने श्री कृष्ण को पाने के लिए त्याग किया परंतु हम चाहते हैं कि हमें भगवान बिना कुछ किये ही मिल जाये, जो की है। महाराज श्री ने बताया कि शुकदेव जी महाराज परीक्षित से कहते हैं राजन जो इस कथा को सुनता हैं उसे भगवान के रसमय स्वरूप का दर्शन होता हैं। उसके अंदर से काम हटकर श्याम के प्रति प्रेम जाग्रत होता हैं। जब भगवान प्रकट हुए तो गोपियों ने भगवान से 3 प्रकार के प्राणियों के विषय में पूछा। 1 . एक व्यक्ति वो हैं जो प्रेम करने वाले से प्रेम करता हैं। 2 . दूसरा व्यक्ति वो हैं जो सबसे प्रेम करता हैं चाहे उससे कोई करे या न करे। 3 . तीसरे प्रकार का प्राणी प्रेम करने वाले से कोई सम्बन्ध नही रखता और न करने वाले से तो कोई संबंध हैं ही नही। आप इन तीनो में कोनसे व्यक्ति की श्रेणियों में आते हो? भगवान ने कहा की गोपियों! जो प्रेम करने वाले के लिए प्रेम करता हैं वहां प्रेम नही हैं वहां स्वार्थ झलकता हैं। केवल व्यापर हैं वहां। आपने किसी को प्रेम किया और आपने उसे प्रेम किया। ये बस स्वार्थ हैं। दूसरे प्रकार के प्राणियों के बारे में आपने पूछा वो हैं माता-पिता, गुरुजन। संतान भले ही अपने माता-पिता के , गुरुदेव के प्रति प्रेम हो या न हो। लेकिन माता-पिता और गुरु के मन में पुत्र के प्रति हमेशा कल्याण की भावना बनी रहती हैं। लेकिन तीसरे प्रकार के व्यक्ति के बारे में आपने कहा की ये किसी से प्रेम नही करते तो इनके 4 लक्षण होते हैं- आत्माराम- जो बस अपनी आत्मा में ही रमन करता हैं। पूर्ण काम- संसार के सब भोग पड़े हैं लेकिन तृप्त हैं। किसी तरह की कोई इच्छा नहीं हैं। 

  भागवत कथा में भाईचारा सेवा समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हरपाल सिंह यादव, रमेश कुमार, लटूरी सिंह, सुधीर यादव, दिनेश यादव, रैना यादव, हरेंद्र यादव, कामिनी यादव प्रधान, राजरानी, शौभा यादव,चंद्रवती देवी, रुद्र यादव,शैलू यादव, सीमा यादव,आरव यादव,तनु यादव, रामप्रकाश यादव,देवा बघेल, कामता प्रसाद शर्मा, दिनेश पाराशर, रामवीर सिंह प्रधान अमौसी, राकेश यादव पूर्व प्रधान,अमर सिंह बघेल प्रधान, नरेन्द्र सिंह पुंडीर, अरविन्द शिक्षक, साहित्य शर्मा कुक्कू, मिथलेश यादव, राजपाल यादव, राजेंद्र सिंह आदि।



रिपोर्ट..... हसरुददीन शाह  संबाददाता   जनपद हाथरस

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