लखनऊ 01 जून। राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रामाशीष राय जी की प्रेसवार्ता के मुख्य अंश
राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश में अपना पुराना जनाधार वापस प्राप्त करने की दिशा में सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में संगठनात्मक संरचना को मजबूत करेगा।
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह जी ने 27 मई को श्री रामाशीष राय जी को प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया है। पार्टी को उ0प्र0 में मजबूत करने की जिम्मेंदारी सौंपी है उसी दिशा में प्रदेश के संगठनात्मक संचरना का कार्य 31 जुलाई तक पूरा किया जायेगा।
प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल पंचायत एवं स्थानीय निकाय चुनाव में अपनी प्रभावी एवं मजबूत भूमिका का निर्वाह करेगा।
आज उ0प्र0 की राजनीति जिस तरह से देशी एवं विदेशी कापोरेट घराने के शिकंजे में और थैलीशाह के नियंत्रण में जा रही है वह भारतीय लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है सामान्य जन की भागीदारी जिसमें मजदूर, किसान, छात्र नौजवान, बुद्धिजीवी का समावेश लोकतंत्र में हो ऐसा सपना चौधरी चरण सिंह जी का रहा है।
चौधरी चरण सिंह जी ने सामान्य और गरीब मजदूर किसान को राजनीति में अवसर प्रदान किया था जिसकेे कारण उ0प्र0, बिहार, राजस्थान हरियाणा और मध्य प्रदेश में दर्जनों नेताओं का उन्होंने नेतृत्व खड़ा किया जिसमें श्री कर्पूरी ठाकुर, श्री मुलायम सिंह यादव, श्री शरद यादव, श्री रामविलास पासवान, श्री लालू प्रसाद, श्री रामसुन्दर दास, कपिल देव सिंह का नाम है। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल चौधरी चरण सिंह ही की नीतियों से कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए पूरे प्रदेश में व्यापक रूप से कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का आयोजन किया जायेगा।
उत्तर प्रदेश के विधान सभा के चुनाव में बेरोजगारी, मंहगाई, किसानों के उत्पादन का लाभकारी मूल्य, गन्ना किसानों को 14 दिनों में भुगतान कानून व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान की रक्षा जैसे तमाम महत्वपूर्ण मुददे थे जिसके समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए एन0डी0ए0 की वर्तमान सरकार ने वायदा किया था किन्तु इस दिशा में प्रयास अभी तक बेअसर दिखाई दे रहा है और सरकार के वायदे खोखले साबित हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश की सरकार रोजगार, स्वास्थ शिक्षा के क्षेत्र में फिसडडी साबित हो रही है। मेडिकल कालेज, ऐम्स जैसी जनउपयोगी संस्थाओं की इमारते खड़ी हैं लेकिन कुशल डाॅक्टर और और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के अभाव में योजनाओं का सही क्रियान्वयन न होने के कारण आम आदमी प्राइवेट अस्तपतालों में इलाज कराने के लिए मजबूर हैं जहां उसके साथ लूट हो रही है।
उच्च, माध्यमिक, प्राथमिक शिक्षा में लाखों की संख्या में अध्यापकों के पद रिक्त होने के कारण शिक्षा की दुर्दशा हो रही है। सरकारी नौकरी में भर्ती प्रक्रिया को सरकारी स्तर पर खत्म कर सरकार ने सारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया प्राइवेट एजेन्सियों को सौंप दिया जिनकी पारदर्शिता संदिग्ध प्रतीत होती है और भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। सरकार परीक्षाओं में धांधली, कानून व्यवस्था एवं मंहगाई के विरोध को बर्दाश्त नहीं कर पा रही और तानाशाही तरीके से बल प्रयोग कर छात्रों और विपक्ष के आन्दोलनों को कुचलने का काम कर रही है।
राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश, बेरोजगार, नौजवान को नौकरी देने, किसानों को उनके फसल के उत्पादन की लागत का लाभकारी मूल्य प्रदान करने, गन्ना और आलू किसानों को लागत का डेढ़ गुना कीमत देने और गन्ने का 14 दिन में भुगतान करने किसानों और बुनकरों को पुराने बिजली बिल माफ करने तथा वर्तमान बिल को हाफ करने के लिए सदन के माध्यम से एवं आन्दोलनों से सरकार पर दबाव बनाने का काम करेगी। जनता की जन स्वास्थ सुविधाओं में बदलाव लाया जाय। गांव गांव डाक्टर घर घर दवाई की योजना के लिए पहल किया जायेगा और कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में सरकार से उम्मीद थी कि बजट 2022 में अलग से प्रावधान किया जायेगा लेकिन उस दिशा में सरकार ने किसानों के साथ साथ आम जनता को निराश किया है। राष्ट्रीय लोकदल सबको भोजन सबकों काम सुलभ एवं सस्ता न्याय देने की दिशा में जन जागरण कर सरकार पर दबाव बनायेगा।
(सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी)
वरिष्ठ नेता,रालोद
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष श्री रामाशीष राय जी का संक्षिप्त परिचय
श्री रामाशीष राय जी सन् 1974-75 में जे0पी0 आन्दोलन में युवा जागरण वाहिनी में सक्रिय रहे। 1977 में गठित जनता पार्टी के चुनाव में ब्लाक स्तर पर स्व0 उग्रसेन सांसद जी के चुनाव के संचालन में रहे।
1980 मेें जनता पार्टी के विभाजन होने पर श्री अटल बिहारी जी से प्रभावित होकर भाजपा में ब्लाक महामंत्री एंव अध्यक्ष बने। 1983 में ब्लाक अध्यक्ष रहते हुये किसान सम्मेलन कराया जिसमें मुख्य अतिथि श्री कल्याण सिंह जी रहे। मेरी कार्यशैली को देखकर श्री कल्याण सिंह ने कसया विधानसभा को जीतने की भविष्यवाणी की और भाजपा 1984 मे चुनाव में विजयी रही। उसके बाद 1985 में मुझे पार्टी नेतृत्व में पहले मंत्री फिर युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष बनाया। 1987 में युवा मोर्चा का प्रदेश उपाध्यक्ष। 1988 में तत्कालीन युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष। कुंवर मान्वेन्द्र सिंह जी के साथ चार वर्ष उनका महामंत्री रहा। 1991 में तत्कालीन युवा मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे0पी0 नडडा जी ने मुझे प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा नियुक्त किया। 1994 में तत्कालीन युवा मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने साथ राष्ट्रीय मंत्री और बिहार राज्य का प्रभारी बनाया। 1996 मेे युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री उमा भारती जी ने मुझे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं बिहार , उड़ीसा बंगाल का प्रभारी भी बनाया। 1997 में मुझे राज्यपाल द्वारा विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया। 1998 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कुषा भाऊ ठाकरे ने राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा मोर्चा मनोनीत किया। युवा मोर्चा में मैेने जो टीम बनाई उसमें मेरे तत्कालीन उपाध्यक्ष कैलाश विजय वर्गीय, ओम बिरला, जी किशन रेडडी, मेरे मंत्री नित्यानंद राय जयराम ठाकुर, श्रीकांत शर्मा, सिद्वार्थ नाथ सिंह, अरूण सिंह, सदस्य रहे। युवा मोर्चो के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पूरे देष में युवा मोर्चा का विस्तार किया मेरे तत्कालीन को‘आर्डीनेटर वकैया नायडू एवं तत्कालीन राष्ट्रीय महामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन से पूरे देश में कार्य किया जिसमें कलकत्ता से कटक युवा जागरण पद यात्रा 630 किमी तथा सीमा सुरक्षा जागरण यात्रा द्वारिका से नागालैण्ड की गयी। जिसका समापन गुवाहटी में किया गया । साथ में अण्डमान निकोबार द्वीप में सही शहीदों की साधना स्थली सेलुलर जेल श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम किया गया और अण्डमान निकोबार में युवा सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें तत्कालीन महामंत्री जी भी उपस्थित रहे। 2003 में भाजपा बसपा गठबंधन की सरकार बनी जिसमें भाजपा के सिद्धांत एवं विधायकों के प्रति प्रदेश सरकार उत्पीडनात्मक कार्यवाही के विरोध में प्रदेश के असंतुष्ट विधायकों का नेतृत्व किया और भाजपा बचाव मंच का संचालन किया जिसमें कुछ केन्द्रीय नेताओं का समर्थन प्राप्त रहा। जिसके कारण मुझे पार्टी ने निलम्बित कर दिया। मैेने असंतुष्ट विधायकों को संगठित कर सरकार परिवर्तन की मुहिम चलायी जिसमें श्री गंगा भगत सिंह को संयोजक बनाया। इस कार्यक्रम में श्री कल्याण सिंह जी का पूर्ण समर्थन था। तत्कालीन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव, श्री षिवपाल सिंह यादव, श्री रघुराज प्रताप सिंह “राजा भईया” इस मुहिम में शामिल रहे। मुझे लगातार दिल्ली से आन्दोलन समाप्त करने और सरकार में चार लोगो केा मंत्रिमण्डल में शामिल करने का प्रस्ताव आया था जिसे मैने ठुकरा दिया। तत्कालीन सरकार जनविरोधी कार्यो के साथ साथ भाजपा के सिद्धांतों का माखौल उडा रही थी मेरे आन्दोलनं पर अडे रहने से एवं मीडिया के प्रभाव से तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती जी को अपने पद से त्याग पत्र देेने के लिए विवश होना पड़ा। 29 अगस्त 2003 को मायावती जी का इस्तीफा हुआ और शाम को मुलायम सिंह जी ने शपथ ली। श्री आर0 के0 चौधरी जी के समाने श्री मुलायम सिंह यादव जी से मिला और उन्होंने 2 बाते कहीं “कि रामाशीष जी की वजह से ही मैने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ली आपने जो आन्दोलन शुरू किया उसी की यह देन है।”
इस प्रकार यह निविर्वाद सत्य है कि श्री रामाशीष राय जी क्रान्तिकारी विचारधारा के होेने के साथ साथ एक अनुभवी एवं देश हित और सामाजिक न्याय के विशेष रूप से पक्षधर हैं। इनका व्यक्तित्व पारदर्शी ही नहीं है बल्कि अनुकरणीय भी है।
(सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी)
वरिष्ठ नेता
रालोद
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