पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से भेजा गया ज्ञापन
"महामहिम राष्ट्रपति"
महोदया
ज्ञापन द्वारा
श्रीमान जिलाधिकारी 4 pm 9 फरवरी 2023 पटना।
"महामहिम"
आज इस ऐतिहासिक गांधी मैदान से तीन संवैधानिक उपाय सुझाता हूं। पहला खेती योग्य सारी जमीने लोगों में बराबर वितरित कर दी जाँय और जमीनों पर मालिकाना हक स्त्रियों के नाम कर दिया जाए। समानता कायम होगी बेरोजगारी और गरीबी मिट जाएगी । दूसरा विधायिका में "एक बार की सदस्यता"सुनिश्चित की जाए और अधिकतम तीन बार चुनाव लड़ने के अवसर परंतु चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र 35 वर्ष हो।इसका फायदा यह होगा कि भारत सोने की चिड़िया में बदल जाएगा जातीय जहर एवं संप्रदायिकता क्षण में समाप्त हो जाएगी। तीसरा संवैधानिक उपाय यह की सभी प्राइवेट संपत्ति"क्षेत्र संगठन प्रतिष्ठान को सार्वजनिक" घोषित कर दिया जाए क्योंकि "प्रिंबल आफ कॉन्स्टिट्यूशन" में सोशलिस्ट" शब्द का उल्लेख है प्राइवेट शब्द का नहीं।
"महामहिम"
कुकुरमुत्ते की तरह फैलते राजनीतिक दल एवं उनके दलालों द्वारा सत्ता पर कब्ज की चुनावी जंग ने भरत को बेरोजगारी गरीबी'असमानता' महंगाई' नारी बलात्कार'एवं हिंसा"भय"आतंक के देश में बदल दिया है। देश की आंतरिक एकता को शीशे की तरह तोड़ दिया है। पॉलीटिकल पार्टीज एवं पॉलीटिशियंस ने भारत की युवा शक्ति"म्यूट"कर दी है।
"महामहिम"
पिछले 2 वर्षों में मैंने दर्जनों पत्र राष्ट्रपति लोकसभा अध्यक्ष वित्त मंत्री भूतल परिवहन मंत्री रेल मंत्री प्रधानमंत्री को लिखा जिसमें असमानता बेरोजगारी गरीबी शराब बंदी, प्राइवेट सेक्टर को पब्लिक सेक्टर घोषित करना, शिक्षा चिकित्सा निशुल्क इसके लिए प्राइवेट हॉस्पिटल एवं शैक्षिक संस्थाओं का राष्ट्रीयकरण एवं देश के सभी मंदिरों मस्जिदों को प्राथमिक शिक्षा एवं प्राथमिक चिकित्सा के केंद्र बनाना, रजिस्टर्ड वकील एवं पत्रकार (65 वर्ष पूर्ण) को उतना ही पेंशन देना जितना विधायिका के सदस्यों को दिया जाता है (असमय मौत होने पर उस पेंशन की आधी राशि तत्काल उसकी पत्नी को ) वृद्धावस्था पेंशन (1290 प्रति माह)/ निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्ति,भरवाही ट्रकों पर ₹1 प्रति किलोमीटर टोल टैक्स, डीजल पेट्रोल क्रमशः 64 ₹74। पैसेंजर एवं पुरानी मेल एक्सप्रेस गाड़ियों को किराया मुक्त या पुराने किराएदर पर चलाने के लिए पत्र लिखा।
"महामहिम"
मेरे किसी पत्र का कोई उत्तर नहीं। इसमें लोकतंत्र कहां है? मैं कैसे मान लूं कि लोकतंत्र लोगों का" लोगों द्वारा"लोगों के लिए"।इसमें मैं केवल वोट देने की जगह फिट बैठता हूं। संविधान के पन्ने में लोकतंत्र है परंतु व्यवहार में नहीं । हॉनरेबल जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कहा "भारत में लोकतंत्र नहीं है"संसदीय डेमोक्रेसी को मैं डेमोक्रेसी नहीं मानता"। पटना हाईकोर्ट के हॉनरेबल जस्टिस संदीप कुमार ने बुलडोजर पर कहां "यहां भी बुलडोजर चलने लगा""और वोट दीजिए क्रिमिनल्स को"। जिस देश के लोकतंत्र को मंदिर मस्जिद मूर्तियां नियंत्रित करने लगे जिस देश की विधायिका में कुछ सदस्यों को छोड़कर शेष चोर लुटेरे व्यभिचारी बलात्कारी हत्यारे हों वहां कैसी डेमोक्रेसी?
"महामहिम"
चावल गेहूं आटा दाल तेल नमक चीनी हवा दवा पानी वन उत्पाद जो जीवन स्रोत है, मैं मानता हूं कोई मनुष्य या मनुष्यों की संस्था उस पर कर नहीं लगा सकती।अनगिनत पत्रों में मैने समाप्त करने का निवेदन किया। मैंने लिखा जीएसटी अधिकतम 12% कर दिया जाए। जब राष्ट्रपति विधायक सहित 38 तरह के वीआइपीज की गाड़ियों पर टोल टैक्स नहीं लगता फिर लोगों की गाड़ियों पर टोल टैक्स क्यों? यह तो "राइट तू इक्वलिटी "का बायोलेशन है। यह "कहीं भी स्वतंत्रता पूर्वक आने-जाने की हमारी आजादी" छीनता है। मैंने कहा भरवाही ट्रकों पर अधिकतम ₹1 प्रति किलोमीटर प्रति टोल टैक्स लिया जाए। जब एक टोल पर किसी भरवाही ट्रक से 700 से ₹900 टोल टैक्स ले लिया जाएगा तो महंगाई कैसे रुकेगी कौन रोकेगा? मैंने निवेदन किया इस आर्बिट्रेरी" डाका" टैक्स को कम कर दिया जाए और निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त करिए अन्यथा में इस आर्बिट्रेरी टैक्स रूल को उसी तरह तोड़ दूंगा जैसे गांधी ने नमक सत्याग्रह में नमक कानून तोड़ा था। डीजल पेट्रोल क्रमशः 64 एवं ₹74 कर दीजिए। भारत में विदेशी मदिरा की मॉडल शॉप खोलकर मदिरा बाजार बनाने की क्या जरूरत पड़ गई? यह बुद्ध महावीर कबीर रहीम नानक विवेका गांधी 50% महिलाओं का देश है आजादी के राष्ट्रीय आंदोलन याद करिए। सबसे बड़ी बात की शराब नारी बलात्कार एवं हिंसा तथा गरीबों को अपनी जगह से पैर उखाड़ कर विस्थापित जीवन जीने की जिम्मेदार है शराब। शराब जहर है ।मौत है। शराब भारत का पतम कर रही है। शराब बंद करें।
"महामहिम"
मुझे गांधी का स्वराज" भगत सिंह का समाजवाद" और अंबेडकर का संविधान"चाहिए ।
पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान निवेदन करता हूं कि उक्त मांगे जो डेमोक्रेसी"इक्वलिटी हमिनिटी" यूनिटी"से संबंधित है सवीकार कर ली जाएं अन्यथा 14 अप्रैल 2023 के बाद मेरे पास दो विकल्प शेष रहेगा या मैं भारत में लोकतंत्र" समानता" स्वतंत्रता" मानवता" एकता" की रक्षा के लिए परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं सम्माननीय उच्च न्यायालयों से गुहार लगाऊगा,और इंकलाब (सत्य एवं अहिंसा पर आधारित) जो मेरा मौलिक अधिकार है। संसद के दरवाजे पर सत्याग्रह करूंगा क्योंकि संसद पर जीतना अधिकार सदस्यों का है उतना ही मेरा भी।
प्रतिलिपि:--- माननीय अध्यक्ष लोक सभा सभापति राज्य सभा माननीय मुख्यमंत्री बिहार
रिस्पेक्टेड सचिव गृह सचिव बिहार
रिस्पेक्टेड एसएसपी पटना एडीएम पटना एसपी सिटी पटन
संपूर्णानंद मल्ल। सत्यपथ 273004 PS शाहपुर
गोरखपुर।
पीएचडी इन आर्कियोलॉजी इंडोलॉजी हिस्ट्री देलही यूनिवर्सिटी। ग्रैजुएटेड इन हिस्ट्री, इकोनॉमिक्स, एंड पोलिटिकल साइंस।
9415418263, snm.190907@yahoo.co.in
स्वैच्छिक रक्तदाता सरकार, गोरक्षब्लड बैंक।
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