लुधियाना-दुगरी के अर्बन विहार कॉलोनी में कुत्तों का आतंक, प्रशासन सोया कुंभकर्णी नींद
पंजाब - जहां एक और पशुओं को लेकर कई कानून बनाए गए हैं वही मानव अधिकार की रक्षा हेतु भी राज्य सरकारों तथा केंद्र सरकार द्वारा अधिकार दिए गए हैं, यदि कोई पशु मानव के लिए खतरा है तो उससे पकड़ कर उस क्षेत्र से बाहर के इलाकों में भेजा जाए परंतु लुधियाना के दुगरी जवददी स्थित अर्बन विहार कॉलोनी के स्थानीय लोग कुत्तों के काटने से परेशान होकर अब सड़कों पर उतरना शुरु हो गए हैं।
स्थानीय निवासियों में कुत्ते के काटने की समस्या एक विकराल रूप धारण कर चुकी है। प्रमुखता बुजुर्ग महिलाएं और छोटे मासूम बच्चे इस समस्या से जूझ रहे हैं। बीते 1 महीने में 10 से अधिक लोग कुत्ते के काटने के शिकार हो चुके हैं। इससे क्षेत्र में भैया व्याप्त है कुत्तों का आतंक किस तरह फैला हुआ है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने से भी डर रहे हैं।
कॉलोनी के जसपाल सिंह टाइगर का कहना है कि उन्हें नगर निगम से भी कोई मदद नहीं मिल रही है और बच्चे अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कुछ कुत्ते इतने खतरनाक है कि वह लोगों को भगा रहे हैं और उनके गिरने से उन्हें रोजमर्रा चोटें भी आ रही हैं। अगर उन्हें कोई छुड़ाने वाला ना हो तो जंगली कुत्ते उनके लिए घातक साबित होते हैं। नागरिकों का कहना है कि कुत्ते के काटने के कारण उनकी दैनिक गतिविधियों पर भी असर पड़ रहा है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इस संबंध में हमने स्थानीय प्रशासन से कई शिकायतें की है परंतु स्थानीय प्रशासन कुंभकरण की नींद सोया हुआ है, साथ ही साथ उन्हें अपनी जेब से अपना इलाज करवाना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें कोई सरकारी सहायता भी प्राप्त नहीं हो रही है।
इसीलिए आज स्थानीय नागरिकों ने कुत्ते के काटने से परेशान होकर स्ट्रीट डॉग स्टरलाइजेशन सेंटर, लुधियाना के प्रदीप गोयल को पत्र लिखकर अपनी समस्या के बारे में शिकायत दी और उन से अनुरोध किया कि वह कृपया कर हमारे इलाके में घूमने वाले आवारा कुत्तों को उठाने या हटाने की व्यवस्था करें। कॉलोनी में कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि लोग अब घर से बाहर डंडा लेकर निकलने को मजबूर हैं।
कई लोग तो कुत्तों से इतना डर चुके हैं कि उन्होंने घर से बाहर निकलना ही बंद कर दिया है। इसीलिए नागरिकों ने पत्र के जरिए नगर निगम से जल्द से जल्द इस मामले पर कोई एक्शन लेने की गुहार लगाई है। स्थानीय लोगों ने नगर निगम को इस मामले के समाधान के लिए 10 दिन की मोहलत दी है। यदि इन 10 दिनों में नगर निगम कुत्तों को हटाने का कोई प्रबंध नहीं करती है तो वह 10 दिन के बाद नगर निगम के खिलाफ आंदोलन करेंगे। कथा मुख्यमंत्री एवं शासन प्रशासन के उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना देंगे यदि कोई कार्यवाही नहीं हुई तो मांगी उच्च न्यायालय की शरण में भी जाने को मजबूर होंगे। इस अवसर पर जसपाल सिंह टाइगर के अलावा कुलवंत सिंह, गुरदीप सिंह, अवतार सिंह, दलजीत सिंह, विजय चोपड़ा और मनप्रीत सिंह मौजूद थे। अब यह देखना है कि स्थानीय प्रशासन कुंभकरण की नींद से कब जाता है और इन आवारा कुत्तों पर कार्यवाही करता है।
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