कुत्तों के आतंक से आम जन त्रस्त , प्रशासन और सरकार पूरी तरह फेल

 


कुत्तों के आतंक से आम जन त्रस्त , प्रशासन और सरकार पूरी तरह फेल .......लुधियाना .... अर्बन बिहार कालोनी दुग्री    लुधियाना का दुर्ग्री इलाका आजकल एक पागल कुत्ते को लेकर चर्चाओं में है , जहां एक पागल कुत्ता कई महिलाओं ,बच्चों और युवाओं को नोंच चुका है , एक महिला को तो उक्त कुत्ते के काटने के बाद मेडिकल कॉलेज में गंभीर सर्जरी से गुजरना पड़ा , महीनों तक पीड़ा और संघर्ष करना पड़ा ।

 अभी तक इस कुत्ते ने जिसको भी कांटा है , बुरी तरह काटा है । स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता *जसपाल सिंह टाइगर* ने बताया की उक्त कुत्ते से संबंधित घटना को लेकर स्थानीय मोहल्ले वासियों ने उनके नेतृत्व में नगर आयुक्त से लेकर पुलिस व प्रशासन को कई बार दरख्वास्त दिया लेकिन प्रशासन 1.5 महीने से अपंग और निस्क्रिय बना हुआ है। स्थानीय नागरिक रात में हॉकी और डंडे लेकर पहरा देते हैं , जबकि महिलाएं , पढ़ने वाले छात्र , छोटे बच्चे घरों में सहम कर रहते हैं, श्री सिंह ने बताया की मामले में तंग आकर स्थानीय जनता ने दिनांक 09/04/2023 को मेरे नेतृत्व में राष्ट्रीय मीडिया के पत्रकारों को बुलाकर प्रेस कांफ्रेंस की थी और समस्या को सरकार और केंद्र सरकार तक पहुंचाने की , जिस पर स्थानीय विधायक कुलवंत सिंह सिद्धू  ने स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदारों को हिदायत दी थी और 24 घंटे के भीतर समस्या के हल और कुत्ते के बरामदगी का अल्टिमेटम दिया था और भावी प्रदर्शन को रोकने की अपील की थी लेकिन आप विधायक के वादे  और अल्टिमेटम के 3 दिन बाद भी स्थानीय जिम्मेदार पूरी तरह मौन और अपंग बने हुए हैं । यहां तक की कई राज्यों की मीडिया ने इस खबर का संज्ञान भी लिया इसके बावजूद सरकार और सरकार के नुमाइंदे पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है , जनता अपना मांस नुचवाने को मजबूर है । ये आम आदमी के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार है 


ये वो डॉग सेफ्टी बैन का कर्मचारी है जो पिछली शाम अर्बन बिहार कॉलोनी में सिर्फ करमपूर्ति के लिए आया और 03 मिनट घूमकर चला गया , न तो कुत्ते को मोहल् सजले में ढूंढा न ही पकड़ने के उपाय ढूंढे । जब सामाजिक कार्यकर्ता जसपाल सिंह *टाइगर* ने डॉग वैन के कर्मचारी से कुछ देर रुककर तलाश करने का आग्रह किया तो उसने बेपरवाह होते हुए कहा कि "हमारी जिम्मेदारी ढूंढने की नही , मिल जाएगा तो पकड़ने की है" और वैन लेकर चला गया , 2 महीनों से ये इमोशनल ड्रामा चल रहा है लेकिन सरकार , जो की आम आदमी की है वो अभी तक इमोशनलेस बनी हुई है

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ