संपूर्णानंद मल्ल ने दिल्ली हाईकोर्ट" मे जनहित याचिका दाखिल कर कहा रूल आफ लॉ के पतन"महंगाई जिससे लोगों ने जीवन गवाया है लोग कुपोषित"विकलांग"हुए हैं"

 


सम्माननीय मुख्य न्यायाधीश" 

"दिल्ली हाईकोर्ट"   11 मई 2023                                                  

जनहित याचिका :--रूल आफ लॉ के पतन"महंगाई जिससे लोगों ने जीवन गवाया है लोग कुपोषित"विकलांग" हुए हैं"संप्रदायिकता"जिससे हमारी आंतरिक एकता कमजोर हुई है"के कारक प्रधानमंत्री हैं,इसलिए इन्हें  PM पद से हटाया जाय। सरकार संचालन में मनमोहन सिंह अन्ना हजारे रतन जी टाटा महान माननीय न्यायधीश जस्टिस एम वी रमन नजमा हेपतुल्ला जैसे व्यक्तियों की मदद ली जाय।

"सम्माननीय न्यायालय"

डेमोक्रेसी के लिए चरित्र एवं अनुशासन चाहिए प्रधानमंत्री में चरित्र एवं अनुशासन"का अभाव है। प्रधानमंत्री ने पद के"जनतांत्रिक स्वरूप"को नष्ट किया है। देश में रूल आफ लॉ नहीँ है। इसका एक प्रमाण है 38 मुकदमे दर्ज टाडा अभियुक्त बृजभूषण शरण के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय के आदेश उपरांत"पास्को"जैसी धारा में मुकदमा दर्ज होना और अब उस केस पर अमल न करना। पब्लिक इंस्टीट्यूशंस"प्रधानमंत्री स्वतःसंचालित कर रहे हैं। ईडी सीबीआई इनकम टैक्स इलेक्शन कमिशन जैसी संस्थाओं पर प्रधानमंत्री का कब्जा है स्पष्टतः इन संस्थाओं का इस्तेमाल सत्ता हासिल करने में किया जा रहा है। डेमोक्रेसी कराह उठी है, सिस्टम फासीवादी तानाशाही तरीके से चल रही है। झूठ हिंसा भय का वातावरण है।

सम्माननीय न्यायालय"

प्रधानमंत्री भारत के"प्रधानमंत्री' है। भारतीय जनता पार्टी के नहीं।प्रधानमंत्री रहते हुए BJP के लिए चुनाव प्रचार प्रधानमंत्री पद का गलत इस्तेमाल है। प्रधानमंत्री ने सत्ता हासिल करने के लिए संप्रदायिकता"का इस्तेमाल किया है।PM ने भाषण में बजरंगबली का इस्तेमाल वोट के लिए किया। संविधान बजरंगबली या अल्लाह के नाम पर वोट"की अनुमति नहीं देता। मुसलमानों के विरुद्ध यह हिंदू मत को लामबंद करता है यह विचार हिंदू मुस्लिम के बीच भेद पैदा करता है।जिसका आधार पंथ"संप्रदाय है। इससे हमारी आंतरिक एकता कमजोर हुई है। बेहद कमजोर।

सम्माननीय न्यायालय"

महंगाई एक क्राइम"है। महगी जीएसटी टोल टैक्स एवं  डीजल पेट्रोल की ऊंची कीमतों के कारण देश में महंगाई की आग लगी है महंगाई लोगों का जीवन छीन रही है लोग कुपोषित हो रहे हैं  शिक्षा चिकित्सा जनसंचार खुले बाजार में बेची जा रही है जिन लोगों को 10 किलो अनाज पर जीवन गुजारना मुश्किल है वे अपने बच्चों की फीस दवा एवं किराया कहां से देंगे...? 

"सम्माननीय न्यायालय"

डेमोक्रेसी के लिए चरित्र एवं अनुशासन चाहिए। नरेंद्र मोदी मा•प्रधानमंत्री में चरित्र एवं अनुशासन"का अभाव है। प्रधानमंत्री ने पद के"जनतांत्रिक स्वरूप"को नष्ट किया है।

रूल आफ लॉ के पतन"महंगाई एवं संप्रदायिकता नरेंद्र मोदी के कारण फैली है। इनको पद से हटाया जाए। हमारे बीच चरित्र अनुशासन के प्रतीक मनमोहन सिंह जस्टिस नागरत्ना अन्ना हजारे रतन  जी टाटा नजमा हेपतुल्ला वेंकैया नायडू नीतीश कुमार ममता बनर्जी महान न्यायाधीश एनवी रमन धुलीपुड़ी  पंडित जैसे व्यक्ति है। 

"सम्माननीय न्यायालय"

 मेरे और मेरे परिवार को कड़ी सुरक्षा दी जाए ।सिस्टम क्रिमिनलाइज्ड है।

कॉपी टू:--- रिस्पेक्टेड एलजी दिल्ली स्टेट रिस्पेक्टेड पुलिस कमिश्नर डेल्ही हॉनरेबल डिस्ट्रिक्ट जज गोरखपुर हॉनरेबल सीजे गोरखपुर


संपूर्णानंद मल्ल                सत्यपथ PS शाहपुर गोरखपुर

पीएचडी इन आर्कियोलॉजी हिस्ट्री देलही यूनिवर्सिटी। ग्रैजुएटेड इन हिस्ट्री, इकोनॉमिक्स, एंड पोलिटिकल साइंस।

9415418263, 941528210 snm.190907@yahoo.co.inस्वैच्छिक रक्तदाता सरकार, गोरक्षब्लड बैंक।

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