उत्तराखंड
14जून 2023
"सम्मानित महोदय"
मुस्लिम समाज एवं परिवारों को धमकी देकर प्रदायिक" आधार पर उसके निवास स्थान से उजाड़ना' खदेड़ने' में संविधान एवं मनुष्यता का अंश कितना है।?
ऑडियो वीडियो मीडिया से यह लगातार जानकारी मिल गई है कि "मुसलमान मुक्त उत्तराखंड" के लिए हिंदूवादी संगठनों ने मुस्लिम लोगों एवं परिवारों को 15 जून तक पुराला छोड़ देने की चेतावनी दी है। जानकारी अनुसार कुछ परिवारों ने अपना घर एवं प्रिमाइसेस छोड़ दिया है।
"दारुण विस्थापन (पेनफुल माइग्रेशन)आप ने गंभीरता से नहीं सोचा । जबकि आपको सोचना चाहिए क्योंकि उत्तराखंड की प्रजा का आपके ऊपर बराबर अधिकार है और आप उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हैं हिंदुत्व या हिंदू के मुख्यमंत्री नहीं है।
बच्चे वृद्ध एवं महिलाओं के लिए विस्थापन कितना दुखदाई होता है,शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता इसमें जरा सी मनुष्यता नहीं होती यह बर्बरता है।
इस्लाम पंथियों से इतनी नफरत क्यों? आप जिस कुर्सी पर बैठे हैं वह 18 57 के महानायक बरेली के महान सूरमा वक्त खान दिल्ली के बादशाह बहादुर शाह जफर ब्रह्मावर्त बिठूर कानपुर के नाना साहब के सलाहकार अजीमुल्ला खां और फैजाबाद के मौलवी अहमद खां की चमकती तलवारों की धार के कारण है। यह मिट्टी हिंदू मुसलमानों के खून से सनी बानी है।
एक मनुष्य होने के नाते जब से यह खबर मैंने पढ़ी है टीवी पर देखी है मेरा मन बहुत दुखी है।।मैं आपसे एक ही निवेदन करना चाहता हूं की जो परिवार पुरोला उत्तराखंड या किसी अन्य जगह से विस्थापित हो गए हो पलायन कर चुके हैं उन परिवारों के एक-एक सदस्य को खोज कर उनकी बस्तियां उनके आशियाने उन्हें वापस कर दिए जाएं और यह सुनिश्चित हो कि एक भी व्यक्ति उत्तराखंड की उस देवभूमि से महरूम न होने पाए क्योंकि यह हमारी संस्कृति
नहीं है
यदि 30 दिन के भीतर आपने मनुष्यता का परिचय नहीं दिया और संविधान की रक्षा नहीं की तब मैं देहरादून के उसी विधायिका के सामने सत्याग्रह करूंगा जिसमें आप उत्तराखंड की प्रजा की जीवन रक्षा एवं सेवा की शपथ ले चुके हैं। सत्य अहिँसा आधारित सत्यपथ कर विधायिका नहीं चलने दूंगा।
प्रतिलिपि:-- हॉनरेबल प्रेसिडेंट ,कमगवर्नर उत्तराखंड रिस्पेक्टेड सेक्रेटरी गवर्नर सेक्रेटरी लीगल एडीशनल सेक्रेट्री
"महोदय"
मैं किसान पुत्र हूं खेती करता हूं अपना पेट भरने के अतिरिक्त एक लाख लोगों के लिए एक दिन के खाने का अनाज पैदा करता हूं। दिल्ली विश्वविद्यालय के विख्यात इतिहास विभाग से आर्कियोलॉजी इंडोलॉजी हिस्ट्री मे पीएचडी हूं। अपने मित्रों के साथ 50 यूनिट से अधिक रक्त सरकार एवं गोरक्ष ब्लड बैंक को डोनेट कर चुका हूं। विगत 35 वर्षों में 10 हज़ार पेड़ो का एक उद्यान लगाया हूं जो हजारों लोगों का जीवन स्रोत ऑक्सीजन देता हैं ।दो हजार पुस्तकों की निजी "शांतिवन पुस्तकालय"में गरीबी"संप्रदायिकता"के विनाश पर शोधरत हूं।किसी गिरोह बंद दल का दलाल नहीं हूं।
संपूर्णानंद मल्ल माता शांती मल्ल
सत्यपथ ps शाहपुर गोरखपुर 273004
9415418263, snm.190907@yahoo.co.in
0 टिप्पणियाँ