"मुस्लिम मुक्त उत्तराखंड" हो सकता है तो "हिंदुत्व के हुड़दंगाई मुक्त उत्तराखंड" क्यों नहीं?

"महामहिम राष्ट्रपति"
"महामहिम"
                                                   2pm 19जून 23                                   
"यदि "मुस्लिम मुक्त उत्तराखंड" सरवाइव कर सकता है तब "हिंदुत्व के हुड़दंगाई मुक्त उत्तराखंड"क्यों नहीं"?
 "भारत की प्रत्येक इंच जमीन पर जितना अधिकार किसी अन्य का है उतना ही मोहम्मद पंथियों का"

"महामहिम"
"मुसलमान मुक्त उत्तराखंड" स्लोगन किसने गढ़ा है? क्या यही हिंदुस्तान है? मैं किससे पूछूं कि उत्तराखंड में जो कुछ हो रहा है उसका जिम्मेदार कौन है? यह सब क्यों हो रहा है? कौन कर रहा है? क्या यह मान लिया जाय कि"हिंदुत्व के हुड़दंगाई" यह सब कर रहे हैं जिनको अपनी पांचवी पीढ़ी का इतिहास अज्ञात है। और यदि कट्टरपंथी हिंदूवादी संगठन कर रहे हैं तो संविधान की शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री और गवर्नर क्या कर रहे हैं?

"महामहिम"
जो हिंदुस्तान हमारे सामने है वह न जाने कितने लोगों की फांसी व कुर्बानी का परिणाम है। इतिहास के शोधार्थी रूप में मैं यह जानता हूं कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में मारे जाने वाले प्रत्येक 100 आदमी में 90 मुसलमान थे।बरेली का वक्त खान, दिल्ली बहादुर शाह जफर ,ब्रह्मवर्त बिठूर कानपुर में नाना साहब तात्या टोपे अजीमुल्ला शाह झांसी की रानी और उनका तोपची गौस खान लखनऊ में बेगम हजरत महल फैजाबाद में मौलवी अहमदुल्लाह इलाहाबाद में लियाकत अली आरा में कुंवर साहब अंग्रेजों से टकरा रहे थे।
"मुसलमान मुक्त उत्तराखंड" में लगे ऐसे नफरती बैनर उतार दिए जाँय क्योंकि ऐसा स्लोगन कोई  ऐसा हिंदू नहीं  देख सकता जिसकी धमनियों में "अस्सिमिलेटिव रुधिर का संचार" हो रहा हो। सतत भारत"यही है, और यही कारण है कि मोहम्मद इकबाल कहां है यूनान मिस्र रोमा सब मिट गए जहां से कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी"

जो अमनुष्यता उत्तराखंड में की जा रही है उसे इमीडिएट रोका जाए नहीं तो देहरादून में विधानसभा के सामने हिंदुत्व के हुड़दंगई मुक्त उत्तराखंड"आंदोलन प्रारंभ करूंगा। जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल की होगी ।
प्रतिलिपि:-- सीएम उत्तराखंड गवर्नर उत्तराखंड मुख्य सचिव गिरी है उत्तराखंड डीजीपी उत्तराखंड


संपूर्णानंद  
सत्यपथ ps शाहपुर गोरखपुर 273004
9415418263      snm.190907@yahoo.co.in
Ph.D in Archaeology & History 
Delhi University

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