गन्ना विकास गोष्ठी में गन्ने की वैज्ञानिक खेती की जानकारी



गन्ने की सिंचाई और मथ मुड़वा रोग से बचाव के दिये टिप्स 

कुशीनगर: तहसील क्षेत्र के रामबरमें गन्ना विकास गोष्ठी में गन्ने की वैज्ञानिक खेती की नवीनतम जानकारी दी गयी। तथा गन्ने की सिंचाई और मथ मुड़वा रोग से बचाव के टिप्स दिये गए।

आयोजक उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान पिपराइच गोरखपुर के सहायक निर्देशक ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि वर्षा न होने के कारण गन्ने की फसल का विकास रुक गया है। गन्ना प्रजाति को0 98014 की पत्तियां सुख रही है। जैसे वर्षा होगा गन्ने की बढ़वार प्रारम्भ होगी। गन्ने की किसान भरपूर सिंचाई करें । वर्षाकाल में गन्ने की 80 प्रतिशत बढ़वार होती है। 

संस्थान द्वारा अभियान चला कर किसानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शासन द्वारा गन्ना विकास के लिए गन्ना पौधशाला से प्रति कुंतल 50 रुपये सरकार अनुदान दिया जा रहा है। सेवरही गन्ना शोध केंद्र के किट वैज्ञानिक डॉ विजय कुमार मिश्रा ने मथ मुड़िया किट पर नियंत्रण के लिए ट्राइकोकार्ड का प्रयोग वर्षा होने पर करने की सलाह दी।

 सेवरही गन्ना शोध केंद्र से प्रति ट्राइकोकार्ड 50 रुपये में दिया जा रहा है। रामकोला चीनी मिल के वरिष्ठ गन्ना अधिकारी श्रीपति सिंह ने कहा कि सर्वेक्षण कार्य चल रहा है सभी किसान अपना सर्वे देख लें।

 कृषि विशेषज्ञ रोहित ने बताया कि खर पतवार नियंत्रण के लिए किसान सचाई के बाद ट्रिसकेल मात्रा बारह सौ ग्राम को 150 लीटर पानी मे घोलकर गन्ने की फसल में छिड़काव करें। विपिन कुमार गिरी ने बताया कि धान रोपाई के 24 घण्टा के अंदर साथी मात्रा 80 ग्राम प्रति बिगहा रेत या खाद में मिलाकर छिड़काव करें। गोष्टी में गन्ना प्रजाति, पेड़ी प्रबन्धन, विकास के बारे में बताया गया। इस अवसर पर एचआर मानवेन्द्र राय, श्रीराम, धर्मेंद्र, इंद्रजीत, अलगू, मुन्ना, प्रभु, श्रवण, जगदीश, जंतू कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।।            


       दिनेश जायसवाल की रिपोर्ट।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ