कबीर जयंती पर विशेष संदेश.....

 


कबीर जयंती पर विशेष संदेश.....

मरि गयो ब्रह्मा काशी को वासी, शिव सहित मूये अविनाशी।

मथुरा को मरिगौ कृष्ण गोवारा, मरि मरि गये दसों अवतारा।।

मरि मरि गये भक्ति जिन्ह ठानी, सगुण मा निर्गुण जिन्ह आनी।

नाथ    मच्छंदर    बांचे    नहीं ,   गोरख    दत्त    औ    व्यास। 

कहहिं   कबीर   पुकारि   के,  ई   सब   परे  काल  के  फांस।।

                                                  बीजक रमैनी 54

कबीर साहब कहते हैं कि लोग जिसे सृष्टि का कर्ता मानते हैं, वह ब्रह्मा मर गया है. लोग जिस शिव को अविनाशी कहते हैं, वह शिव भी मर चुका है. गायों को चराने वाला कृष्ण भी मृत्यु से नही बच सका. मैं लोगों द्वारा माने जाने वाले किन किन ईश्वरों और उनके अवतारों की बात करूँ वे सब के सब मर खप गये. जब वे सब बिलाय गये तो उनकी भक्ति की ज़िद ठानने वाले उनके भक्त कैसे बच सकते हैं?

    मौत के इस अंधियारे में मच्छंदरनाथ ,गोरखनाथ ,दत्तात्रेय और व्यास जैसे लोग काल के गाल में समाने से कहाँ वंचित रह पाएंगे ?

गौतम राणे सागर

  राष्ट्रीय संयोजक,

संविधान संरक्षण मंच।

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