"महामहिम राज्यपाल कुलाधिपति"
5pm3जुलाई 23
"मुझे न्याय चाहिए" यहां न्याय का अर्थ है अनुशासित
आचार्य कमलेश गुप्त की बहाली"कुलपति का निलंबन"।
अन्यथा
7जुलाई, विश्वविद्यालय गेट
"प्रधानमंत्री को काला झंडा"राज्यपाल
का पुतला फुंकूँगा"
यदि सत्य' एवं अहिंसा' पर आधारित मेरे
सत्यपथ"को कुचलने की कोशिश की गई
तब गांधी का अस्त्र"अनशन मेरा विकल्प होग
या तो योगनगरी"की संवेदना"मर गई है"या मैं गलत रास्ते पर हूं। परंतु मैं अपनी पूरी ताकत से कहना चाहता हूं कि मानवता"मेरा अंतिम एवं एकमात्र धर्म है,"रिलीजन नहीं"।
"महामहिम राज्यपाल कुलाधिपति"
जब माननीय उच्च न्यायालय ने प्रो कमलेश का'निलंबन स्थगित' कर दिया था और यूनिवर्सिटी 25 जून को उन्हें दुबारा ज्वाइन करा ली फिर 28 जून को तीसरी बार निलंबन की क्या जरूरत थी?"आ बैल मुझे मार"।इस निलंबन के बिना,विश्वविद्यालय की कौन सी "गरिमा"गिर रही थी?
"महामहिम राज्यपाल कुलाधिपति"
मैं केवल इतना पूछना चाहता हूं कि एक बेगुनाह' बेकसूर'अनुशासित'आचार्य का तीसरी बार निलंबन क्यों? इस निलंबन में कानून' न्याय' संविधान' अनुशासन 'चरित्र' मानवता' कहां है
महामहिम राज्यपाल कुलाधिपति"
विश्वविद्यालय के लगभग साढ़े तीन सौ आचार्य मौनी बाबा बनकर कुलपति के जुर्म" को स्वीकृति दे रहे हैं। यह समझ पाने में असफल है की "शिक्षा"अभिव्यक्ति"से अभिन्न हैं। आचार्य जब जुर्म'का विरोध न कर सकें सच' को सच न कह सकें तब सोचिए ये लोग कौन सी शिक्षा देते होंगे? कुछ को छोड़कर शेष नकलचे'चाटुकार दलाल"हैं।
महामहिम राज्यपाल कुलाधिपति"
VC के इस मनमाना"एवं असंवैधानिक"कृत्य से आचार्य कमलेश गुप्त एवं उनके परिवार की मानसिक दशा क्या होगी? इसे"तो केवल मनुष्यता"ही महसूस कर सकती है। आदमी ऐसी ही दशा में आत्महत्या कर लेता है उसके बाद जांच पड़ताल एवं रिपोर्ट तैयार होने लगती है ।
मैं आचार्य गुप्त की बहाली" कुलपति का निलंबन चाहता हूं ताकि "यशस्वी विद्या संकुल" में सौहार्द कायम हो सके। कुलपति के रहने तक सौहार्द असंभव है क्योंकि उच्च न्यायालय के आदेश पर जब वे ज्वाइन कर लिए थे तो उन्हें तीसरी बार निलंबित करने की क्या जरूरत थी? आचार्य कमलेश का निलंबन रद्द करिए कुलपति को निलंबित करिए अन्यथा 7 जुलाई को विश्वविद्यालय गेट पर गवर्नर का पुतला फुकूँगा, प्रधानमंत्री को काला झंडा दिखाऊंगा। यदि मेरे विरुद्ध बल प्रयोग किया गया तो गांधी हथियार "सत्याग्रह"उठाउंगा।
प्रतिलिपि: माननीय मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, श्रीमान प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा कमिश्नर,एडीजी,जिलाधिकारी, एडीएम सिटी सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी सिटी सीओ कैंट कैंट soशाहपुर गोरखपुर।
याचिकाकर्ता
मैं,किसान पुत्र किसान हूं,जीवन बचाने के लिए 50 यूनिट स्वैच्छिक रक्त "गोरखनाथ ब्लड बैंक"को दिया हूं। 10 हज़ार पेड़ो का 'योगी गोरख उद्यान"लगाया हूं। दिल्ली विश्वविद्यालय के विख्यात इतिहास विभाग से पुरातत्व एवं इतिहास विषय में पीएचडी हूं दो हजार पुस्तकों की निजी "शांतिवन पुस्तकालय"में 'हिंदू मुस्लिम एकता" एवं गरीबी उन्मूलन" पर शोधरत हूं।,
"संपूर्णानंद मल्ल
सत्यपथ ps शाहपुर गोरखपुर
9415418263 snm.190907@yahoo.co.in
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