सुभासपा महासचिव की गाडी को भीड ने घेरा, हमला का आरोप


कुशीनगर: जनपद के पडरौना कोतवाली  क्षेत्र के चिरईहवा गांव में मृत कार्यकर्ता के परिजनों से मिलने पहुंचे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुख्य महासचिव अरविंद राजभर की गाडी को गामीणों की भीड़ ने घेर लिया। सुभासपा नेता का यह आरोप है कि उन पर हमला किया गया। इससे उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गयी। उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सूचना देने के काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची। उनके स्कॉर्ट में चल रहे जवानों ने बडी मुश्किल से उन्हें भीड़ के बीच से सुरक्षित निकाला। 

सुभासपा के महासचिव अरविंद राजभर शनिवार को अहिरौली बाजार स्थित पूर्व विधायक रामानंद बौद्ध के आवास पर मीडियाकर्मियों से रुबरु थे।  उन्होंने सोशल मीडिया पर इससे संबंधित बयान व घटना का वीडियो भी जारी किया है। उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत में बताया कि शुक्रवार की शाम को वह पडरौना के एक होटल में कार्यकर्ताओं की बैठक करने पहुंचे थे। 

इसके बाद तय कार्यक्रम के अनुसार देर शाम को पडरौना कोतवाली क्षेत्र के चिरईहवा गांव में विश्वनाथ राजभर के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना देने गए थे। बताते चलें कि कुछ दिन पहले विश्वनाथ राजभर की मारपीट के दौरान हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि विश्वनाथ के परिवारजनों से मुलाकात कर अरविंद राजभर लौट रहे थे कि रास्ते में किसी साजिश के तहत भीड़ ने उन्हें घेर लिया। इसके बाद उन पर हमला बोल दिया गया। भीड़ की अगुवाई पूर्व ग्राम प्रधान कर रहे थे। 

अरविंद का आरोप है कि पूर्व प्रधान राजेन्द्र यादव हत्याकांड के मुख्य आरोपी बनाये गये हैं।जिन्हे पुलिस ने  क्लीन चिट दे दी है।
सुभासपा महासचिव ने आरोप लगाया कि सौ- डेढ़ की संख्या मे लोगों ने उनकी गाड़ी को घेरकर लाठी डंडे के साथ पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। उनकी गाड़ी का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। लोग बलपूर्वक उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थे। रास्ता खाली कराने के लिए सुरक्षा कर्मियों ने 35 से 40 मिनट तक कड़ी मशक्कत की तब जाकर वह सुरक्षित वहा निकल सके। अरविंद का कहना है कि वहां से निकलकर वह पूर्व विधायक रामानंद बौद्ध के यहां चले आए थे। 

अरविंद राजभर ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में मेरे जाने की सूचना पुलिस को दी गई थी लेकिन पुलिस ने पूरी लापरवाही बरती जिससे यह घटना घटी। उन्होंने कहा कि भीड़ में कई ऐसे संदिग्ध लोग थे जो कुछ भी कर सकते थे। कहा कि सूचना देने के बावज़ूद काफी देर बाद जब वह लौट रहे थे तब पडरौना कोतवाल फोर्स के साथ उनको रास्ते में मिले थे।  उन्होंने कहा कि प्रशासन से मेरी मांग है कि विश्वनाथ राजभर के परिजनों को सुरक्षा दी जाए।

इस संबंध मे अपर पुलिस अधीक्षक रितेश कुमार सिंह का कहना है कि पडरौना कोतवाली के चिरईहवा गांव में सुभसपा नेता अरविंद राजभर ग्रामीणों से संवाद स्थापित करने पहुंचे थे। लौटने के बाद उन्होंने यह तथ्य प्रकाश में लाया है कि ग्रामीणों द्वारा उनसे दुर्व्यवहार किया गया।  पुलिस सभी पक्षों और तथ्यों की गहनता से जांच कर रही है। जो भी जरूरी होगा उस अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।।                              

 दिनेश जायसवाल की रिपोर्ट।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ