*बाढ़ राहत कार्य में लापरवाही न हो: डीएम*
*बाढ़ का पूर्वाभ्यास कार्य करने में सहयोग प्रदान करता है: डीएम*
*वायरलेस के माध्यम से ही सूचनाओं का किया गया प्रेषण*
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी *इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) अधिसूचना* को पूर्ण रुप से लागू कर, की गई कार्रवाई
गोरखपुर। बीते बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार प्रदेश के 52 जनपदों में बाढ़ पूर्व तैयारी का अभ्यास (मॉकड्रिल) किया गया।
पूर्वाभ्यास का मुख्य उद्देश्य बाढ़ राहत कार्यों से जुड़े सभी विभाग के अधिकारीगण का परिचय, उनके पास कौन-कौन से संसाधन उपलब्ध है, किसकी क्या कार्य है और क्या उत्तरदायित्व है, इससे सभी अवगत हो जाते हैं।
पूर्वाभ्यास कार्यक्रम का प्रारंभ प्रातः 10:00 बजे से अतिवृष्टि के कारण *रामगढ़ ताल के जलस्तर में हो रही वृद्धि* की सूचना से की गई। नौका विहार पर स्थापित *पुलिस बूथ को बाढ़ चौकी* के रूप में प्रदर्शित किया गया, जहां से वायरलेस के माध्यम से तहसील सदर को सूचना दी गई कि रामगढ़ ताल का जलस्तर बढ़ रहा है।
तहसील सदर के सभागार में *तहसील स्तरीय ई.ओ.सी.* (इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर) की स्थापना की गई जहां पर वायरलेस सेट स्थापित किया गया।
तहसील ई.ओ.सी. द्वारा *सर्किट हाउस सभागार में स्थापित किए गए जिला ईओसी* को वायरलेस के माध्यम से सूचना दी गई कि रामगढ़ ताल का जलस्तर बढ़ रहा है। जिला ईओसी द्वारा समस्त विभागों को सूचित किया गया की तत्काल राहत और बचाव कार्य हेतु फोर्स भेजें।
यातायात पुलिस द्वारा एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ फोर्स को *ग्रीन कॉरिडोर* उपलब्ध कराया गया, जिससे कि निर्धारित समयावधि में टीम घटनास्थल तक पहुंच सके।
रामगढ़ ताल जेट्टी स्थल पर स्टेजिंग एरिया घोषित किया गया, जहां पर सभी राहत एजेंसियां उपस्थित हुई और किन संसाधनों के साथ वह बचाव कार्य को प्रारंभ करने जा रही है से उपस्थित *अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व)/प्रभारी अधिकारी (आपदा)* जोकि इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) अधिसूचना के अनुसार *इंसिडेंट कमांडर* हैं और पुलिस विभाग से *पुलिस अधीक्षक दक्षिणी* जोकि आईआरएस के अनुसार स्टेजिंग एरिया इंचार्ज हैं ,को अवगत कराया।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ द्वारा रामगढ़ ताल से आच्छादित क्षेत्रों से जन *समुदाय को रेस्क्यू* किए जाने का प्रदर्शन किया गया। 85 लोगों को रेस्क्यू किया गया, जिसमें 48 महिला, 11 बच्चे तथा 26 पुरुष रहें। रेस्क्यू किए गए सभी जनों को *स्पोर्ट्स कंपलेक्स* जिसे *राहत शिविर* के रूप में प्रयुक्त किया जा रहा है, पहुंचाया गया। राहत शिविर में *महिलाओं* व *पुरुषों* हेतु *पृथक रूप से व्यवस्था* की गई। महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो, इस का विशेष ध्यान रखते हुए तहसीलदार चौरी चौरा श्रीमती नीलम तिवारी को प्रभारी नियुक्त किया गया। राहत शिविर का समुचित संचालन तहसीलदार सदर के नेतृत्व में किया गया। राहत शिविर में *कम्युनिटी किचन* संचालित किया गया, जिससे कि बाढ़ प्रभावितों को गर्म पका और सुरक्षित भोजन मिल सके।
राहत एवं बचाव कार्य के दौरान कुछ व्यक्ति जोकि *स्थानीय नाव पर सवार* होकर के ताल पार कर रहे थे, असंतुलित होने के कारण *ताल में गिर* गए। मौके पर उपस्थित एनडीआरएफ बल द्वारा उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने और किस प्रकार यदि व्यक्ति डूबने के दौरान पानी पी लेता है, पानी कैसे निकाला जाए, क्या सावधानियां बरती जाएं का विस्तृत रूप से प्रदर्शन किया। तदोपरांत घायल व्यक्ति को *जिला चिकित्सालय टीम* को हैंड ओवर किया गया। चिकित्सकों द्वारा परीक्षण उपरांत व्यक्ति को *एंबुलेंस* के माध्यम से *जिला चिकित्सालय रेफर* किया गया।
एनडीआरएफ एसडीआरएफ बल द्वारा घरेलू संसाधनों से निर्मित होने वाले जीवन रक्षक लाइफ जैकेट का सजीव प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसमें मुख्य रुप से बांस से बनी नाव, थर्माकोल से बने राफ्ट, बोतल, जरिकेन, फुटबॉल आदि से बने राफ्ट का प्रदर्शन किया गया।
जिलाधिकारी महोदय एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय ने जेट्टी स्थल पर पुलिस विभाग द्वारा स्थापित किया गया *कमांड पोस्ट*, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ द्वारा राहत एवं बचाव कार्य में प्रयुक्त किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के उपकरण की प्रदर्शनी, बाढ़ के दौरान समुदाय को वितरित की जाने वाली *राहत खाद्यान्न सामग्री किट* एवं *डिग्निटी किट* से संबंधित सामग्रियों की प्रदर्शनी आपूर्तिकर्ता फर्म द्वारा, *नाविकों* एवं *गोताखोरों* को उपलब्ध कराए गए *सेफ्टी किट,* *मुख्य चिकित्सा अधिकारी* एवं *मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी* द्वारा वितरित किए जाने वाले दवाओं, लगाए जाने वाले टीको आदि का प्रस्तुतीकरण तथा *सिंचाई विभाग* द्वारा तटबंध की सुरक्षा हेतु प्रयुक्त किए जाने वाले संसाधनों का प्रस्तुतीकरण स्टॉल के माध्यम से किया गया, का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मौके पर उपस्थित *नगर निगम* तथा *अग्निशमन विभाग* की टीम ने अपनी तैयारियों से अवगत कराया। *नागरिक सुरक्षा* तथा स्वयंसेवी संगठनों की टीम ने आश्वस्त किया कि प्रत्येक परिस्थिति में जन समुदाय के सहयोग के लिए तत्पर हैं।
जिलाधिकारी महोदय ने उपस्थित *आपदा मित्र, आपदा सखी* तथा प्राधिकरण से जुड़े *स्वयंसेवकों* का उत्साहवर्धन करते हुए नि:स्वार्थ भाव से उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। साथ ही *प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया* के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया कि आपके माध्यम से जन समुदाय को विभिन्न प्रकार की आपदाओं से बचाओ हेतु आवश्यक जानकारी पहुंचाई जाती है।
बाढ़ पूर्वाभ्यास कार्यक्रम का *सजीव प्रसारण सुनो गोरखपुर* यूट्यूब चैनल के माध्यम से किया गया। पूर्वाभ्यास कार्यक्रम की समुचित निगरानी *ड्रोन* के माध्यम से की गई।
यह मानते हुए कि किसी आपदा की स्थिति में *सभी नेटवर्क ध्वस्त* हो गए हैं और मात्र *वायरलेस नेटवर्क* और *सेटेलाइट फोन* का नेटवर्क संचालित है को आधार मानते हुए समुचित ड्रिल की कार्यवाही सफलतापूर्वक की गई।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने जनपद *गोरखपुर में किए गए गतिविधियों का सजीव प्रस्तुतीकरण देखा* और कार्यों को सराहा।
कार्यक्रम का संचालन जिला आपदा विशेषज्ञ, गोरखपुर द्वारा किया गया।
दिनेश जायसवाल की रिपोर्ट।
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