5pm16 जुलाई 2023
"सीमा हैदर के मासूम बच्चों के बचपन की हिफाजत"
हिंद" में कट्टर हिंदुत्व"के भय' एवं आतंक'का माहौल है। मीडिया में सीमा को मुस्लिम महिला' पाकिस्तान से आई हुई' आई एस आई एजेंट' आतंकी साजिश' जासूसी'और इस प्रकार बहुत कुछ कहा जा रहा है।
"सीमा एक स्त्री है, स्रष्टा"है।फिर हैदर है'पाकिस्तान है"
नफरती बयान है।
भारत" में यवन' शक' पह्लव' कुषाण' हून' अरब'तुर्क' मंगोल' मुगल फ्रांसीसी पुर्तगाली स्पेनिश ब्रिटिश विजेता रूप में भारत आये, फ्रांसीसी पुर्तगाली स्पेनिश ब्रिटिश को छोड़कर सभी भारत की मिट्टी में मिल गए। भारत ने उन्हें अपने में"असिमिलेट"कर लिया। सीमा हैदर तो मां भारती की आँचल की छांव मांग रही है।
1940 में ब्रिटेन के क्रेकस्टोन हाल में जब उधम सिंह माइकल ओ डायर पर गोलियां बरसा रहे थे तब सामने एक ब्रिटिश महिला खड़ी थी लेकिन उसको आंच तक न आई जब केस की प्रोसिडिंग चल रही थी तब महिला गवाह के रूप में पेश हुई और उसने उधम सिंह से पूछा कि तुमने मेरे ऊपर गोलियां क्यों नहीं चलाई उधम सिंह ने कहा" स्त्रियों पर हाथ उठाने की अनुमति हमारी संस्कृति नहीं देता"
सीमा हैदर जब तक भारत की सीमा में है भारत की बेटी' बहन'और मां' है। इसलिए
महामहिम से गुजारिश करना चाहता हूं कि "कट्टर हिंदुत्व की तीब्र हवाओं" से सीमा एवं उसके मासूम बच्चों को महफूज रखा जाए।
मां" हिंदू और मुसलमान दोनों को अपने पेट से पैदा करती है वह दोनों के बीच कोई भेद नहीं करती। दरअसल हिंदू" मुसलमान"शब्दों का जाल"हमारे बीच के कुछ "नफरती पहेलियों" ने बुना है जिसमें वे मनुष्यता को फंसाते है"
प्रतिलिपि:- माननीय गृह मंत्री माननीय मानवाधिकार आयोग
संपूर्णानंद मल्ल
पीएचडी इन हिस्ट्री दिल्ली यूनिवर्सिटी
9415418263, snm.190907@yahoo.co.in
"सत्यपथ" ps शाहपुर गोरखपुर 273004
0 टिप्पणियाँ