' माननीय सर्वोच्च न्यायालय'
जनहित याचिका :---
निवेदन करता हूं कि बनारस में संसदीय चुनाव प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करते हुए"माननीय उच्च न्यायालय"के किसी जज की देखरेख में चुनाव प्रक्रिया नए सिरे से प्रारंभ की जाए.क्योंकि निर्दलीय प्रत्याशियों को,जिन्हे लोकतंत्र में भाग लेने से बलपूर्वक रोका गया है,उन्हें उनका लोकतांत्रिक अधिकार मिल सके.
"पर्चा दाखिल"में ही यहां लोकतंत्र का कत्ल कर दिया गया है. एवं बनारस की सरकारी मशीनरी नरेंद्र मोदी मशीनरी के रूप में काम कर रही है.बनारस में लोकतंत्र महफूज नहीं है.
बनारस में लड़खड़ाते लोकतंत्रल को मैंने अपनी नजरों से 21 22 मई को बनारस में देखा है.चुनाव आचार संहिता की हत्या कर की गयी है. नरेंद्र मोदी के बैनर पोस्टर पूरे बनारस में लगे हैं एक 20 फीट से भी बड़ी ऊंची त्रिपुंड लगाएं होर्डिंग गोदौरिया पर लटकी है जहां से होकर लाखों दर्शनार्थी काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी में प्रवेश करते हैं.नरेंद्र मोदी की यह तस्वीर वोट हासिल करने का एक पंथीय /सांप्रदायिक इस्तेमाल है.यह तस्वीर वर्ग विशेष से उनके संबंध जोड़ती है इससे भी बड़ी बात है यह तस्वीर इस बात की सूचक है कि वह सभी वर्ग के सांसद प्रत्याशी नहीं है. यदि यह 'चुनाव आचार संहिता सम्मत'है तब अन्य प्रत्याशियों के होर्डिंग बैनर कहां गए? 21 मई नरेंद्र मोदी ने 25000 महिलाओं का समागम संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में किया.यह समागम वर्ग विशेष की महिलाओं का था.क्योंकि इसमें कुछ खास वर्ग की महिलाएं शामिल थी.वर्गीय नफरत फैलाई गई. इस समागम से गरीब मजदूर अनपढ़ महिलाओं को बाहर रखा गया.नरेंद्र मोदी ने अपने निजी चुनाव के लिए सार्वजनिक संसाधन एवं मशीनरी का दुरुपयोग किया है.
कॉपी टू: हॉनरेबल चीफ जस्टिस इलाहाबाद हाई कोर्ट
श्रीमान मुख्य चुनाव आयुक्त चुनाव आयोग
श्रीमान मुख्य चुनाव आयुक्त उत्तर प्रदेश
श्रीमान चुनाव अधिकारी/ जिलाधिकारी वाराणसी
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी
9415418263 snm.190907@yahoo.co.in
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