अस्ताना। विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने मंगलवार को कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
बैठक में शामिल प्राथमिक विषयों में 3-4 जुलाई को होने वाले अस्ताना एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए व्यापक तैयारी और एजेंडा प्रमुख तौर पर शामिल थे। इस दौरान विभिन्न पक्षों ने एससीओ सदस्य देशों के प्रमुखों के विचार के लिए प्रस्तुत विषयों और दस्तावेजों की एक सूची को मंजूरी दी, जिसमें न्यायपूर्ण शांति और सद्भाव के लिए विश्व एकता पर एससीओ पहल और एससीओ संवाद भागीदारों के साथ बातचीत एवं मसौदा रोडमैप शामिल है। मीटिंग में देशों के बीच चल रहे सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और चरमपंथ जैसे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की गई।
बैठक में राजनीतिक, राजनयिक, व्यापार, आर्थिक, सांस्कृतिक और मानवीय क्षेत्रों में बहुपक्षीय सहयोग से संबंधित 22 प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए गए। बैठक से इतर रवि ने एससीओ के अन्य सदस्य देशों के समकक्षों और कजाकिस्तान के अधिकारियों से भी मुलाकात की। कजाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने अस्ताना में एससीओ सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लिया।
उच्चायोग ने एक अन्य पोस्ट में लिखा सचिव (आर्थिक संबंध) ने एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के मौके पर ईरान के उप विदेश मंत्री मेहदी सफ़ारी से मुलाकात की।
रवि ने कजाकिस्तान के व्यापार और एकीकरण उपमंत्री कैरात तोरेबायेव से मुलाकात की जिस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार को विकसित करने और बढ़ाने के लिए भारत व कजाकिस्तान के बीच सहयोग के संभावित तरीकों पर चर्चा की। अस्ताना पहुंचते ही सोमवार को रवि ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की, जिसके बाद उन्होंने रूसी संघ के विदेश मामलों के उपमंत्री एंड्री रुडेंको से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को लेकर चर्चा की।
एससीओ का उद्देश्य क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को मजबूत करना है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)
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