बनारस सत्याग्रह"
हमसे वोट मत मांगिए.हिटलर की तरह हमें "एक्सटर्मिनेशन कैंप"में डाल दीजिए ताकि बटन दबाने वाले हमारे अंगूठे यूं ही समाप्त हो जाएं'
'अगर कोई सरकार जनता को इसकी बुनियादी अधिकारों से वंचित रखती है तों जनता का यह अधिकार ही नहीं बल्कि कर्तव्य बन जाता है कि ऐसी सरकार को बदल दे या समाप्त कर दे" भगत सिंह
सत्य अहिंसा की पूरी ताकत से यह कहना चाहता हूं झूठ' हिंसा' पर टिकी नरेंद्र मोदी सत्ता का पतन चाहता हूं
आटा चावल गेहूं दाल तेल चीनी दवा प्राण' है जीवन है' इस पर जीएसटी क्यों ?अनाज खाने वाला कोई व्यक्ति इस पर टैक्स लगा सकता है क्या? क्या 545 243 सांसदों एवं 142 करोड लोगों में किसी ने इस पर टैक्स लगाने की मांग की? और यदि नहीं तो प्राण पर कर क्यों?ऐसे 'क्रूर कर' का प्रमाण दुनिया के इतिहास मे नहीं मिलता. शिक्षा चिकित्सा रेल संचार पर टैक्स क्यों लगाई? 545 एवं 243 सांसदों में किसी ने कहा क्या की सड़कों पर उनकी गाड़ी पर टोल टैक्स नहीं लगेगा और लोगों की गाड़ी पर टोल टैक्स लगेगा. राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सहित तीन दर्जन से अधिक VIP की गाड़ियों पर टोल टैक्स न लिया जाना और लोगों की निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स"राइट टू इक्वलिटी का वायलेशन है. निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स लेने का अर्थ है "कहीं आने-जाने के स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार (19d) की हत्या. क्या मंत्रालय के किसी विद्वान को यह नहीं मालूम कि टोल टैक्स हमेशा "रिड्यूजिंग' लगता है और धीरे-धीरे 10 से 15 वर्ष में टोल समाप्त हो जाता है. न जाने किस बेशर्म लुटेरे ने टोल टैक्स में इंक्रीमेंट सुझाया?क्या वित्त मंत्री ने यह नहीं सुझाया कि नारी बलात्कार"दुर्घटना' सामूहिक मौते' मदिरालयों'की समानुपाती'है.28% जीएसटी क्यों और किसके कहने पर लगाई गई. भारत में परंपरागत कर' की दर' उत्पादन का "एक बटे छठा भाग"रहा है जो लगभग साढे 16%होता है.अर्थशास्त्रियों ने इसे'हिंदू रेट ऑफ टैक्स कहां है.₹50 का डीजल पेट्रोल सीएनजी ₹100 में एवं 400 का सिलेंडर 1200 में बेचने की क्या जरूरत है? एक भरवाही ट्रक से टोल पर 500 से ₹900 टोल टैक्स लेना किसी डकैती या बेशर्म लूट से कम है क्या? हैवी टोल टैक्स जीएसटी डीजल पेट्रोल की ऊंची कीमतों से महंगाई की आग लगी है.महंगाई अपराध का रूप ले चुकी है. महंगाई की आज गरीब को जलाती है धनी अमीर माननीय के लिए महंगाई शीतल समीर" एवं स्टेटस सिंबल"है:इस प्रकार के कर' एवं कीमतों'मेंवृद्धि'आपराधिक मस्तिष्क'की उपज तो है ही अपराध भी है.
पाँच किलो अनाज में जीवन तलाशते 80 करोड़ कंगाल एवं 22 करोड़ कुपोषित जिनके पास फूटी कौड़ी नहीं है जीवन की ज़रूरतें कैसे जुटाएंगे?,5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था+'विकसित भारत'मोदी की गारंटी' अमृत भारत' वंदे भारत' क्लीन इंडिया इंक्रेडिबल इंडिया' एक्सप्रेसवे' इंटरनेशनल एयरपोर्ट' मंदिर' 'मदिरालय' वे क्या करेंगे? क्या आने वाले 100 वर्ष तक उनके बच्चे एक्सप्रेसवे इंटरनेशनल एयरपोर्ट वंदे भारत ट्रेन में पैर रख पाएंगे?
100 से अधिक पत्र /ज्ञापन सरकार को भेजी एक दर्जन से अधिक सत्याग्रह की. निवेदन कियाकि आटा चावल गेहूं दाल तेल चीनी दवा पर टैक्स समाप्त करिए .निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त करें या प्रत्येक टोल पर दोनों तरफ एक-एक टोल लेन फ्री कर दें. शिक्षा चिकित्सा रेल संचार निशुल्क एवं समान करें डीजल पेट्रोल सीएनजी ₹50 एवं घरेलू गैस ₹ 500 प्रति सिलेंडर करें. गरीबों को गैस फ्री दें..परंतु निरंकुश' एवं डिक्टेटर'सरकार विचार तो दूर पत्रों का जवाब तक नहीं दी क्या यही लोकतंत्र है?यह भी निवेदन किया कि यदि संभव नहीं है तो मनमोहन सिंह के समय की कर एवं कीमत लागू कर दी जाए.कर एवं कीमतों में वृद्धि'आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स"हैँ असंवैधानिक है जीवन एवं स्वतंत्रता की हत्या करते हैं
मैं किसी पार्टी का नुमाइंदा नहीं हूं. फिर भी 2014 के चुनाव में 'चाय पर चर्चा' नरेंद्र मोदी कार्यक्रम'गोरखपुर,संचालित किया.मेरे किसी भी सत्याग्रह के साथ वही सम्यक व्यवहार किया जाए जो मनमोहन सिंह सरकार ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन एवं 'चाय पर चर्चा' में की थी.
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी
ग्रैजुएट्स इन इकोनॉमिक्स पॉलिटिकल साइंस हिस्ट्री
पीएचडी इन आर्कियोलॉजी' हिस्ट्री' दिल्ली यूनिवर्सिटी
9415418263
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