'महामहीना राष्ट्रपति'
'
मैं चाहता हूं ऊंची से ऊंची तालीम सबके लिए मुआफ़ हो ताकि गरीब से गरीब आदमी भी ऊंची से ऊंची लियाकत हासिल कर सके और ऊंचे उठ सके। यूनिवर्सिटी के दरवाजे सबके लिए खुला रखना चाहता हूं सारा खर्च गवर्नमेंट पर पढ़ना चाहिए मुल्क को तालीम की उससे कहीं ज्यादा जरूरत है जितनी फौजी की"
प्रेमचंद
बरसों से सैकड़ो पत्र एवं ज्ञापनों में निवेदन किया कि शिक्षा चिकित्सा रेल'शुल्क रहित'एक समान'कर दें परंतु शिक्षा चिकित्सा रेल सरकार ने इतनी महंगी कर दी गरीबों की पहुंच से दूर हो गई.
पुनः निवेदन करता हूं कि सरकार शिक्षा चिकित्सा रेल निशुल्क एवं एक समान'कर दे.अन्यथा 15 अगस्त क़ो संसद पर सत्याग्रह कर शिक्षा'चिकित्सा'रेल'बेचने'एवं महंगी'करने वाली मोदी सरकार के"आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स" उसी प्रकार तोडूंगा जैसे गांधी ने फिरंगी नमक कानून' तोड़ा था.
पूर्वांचल गांधी
9415418263
0 टिप्पणियाँ