उच्च शिक्षा के पतन का कारण एवं निवारण'

30 जून 2024
" माननीय मंत्री जी" 
मानव संसाधन विकास मंत्रालय   
  
 विषय  :- उच्च शिक्षा के पतन का कारण एवं निवारण'

जैसे-जैसे शिक्षक'बढ़ते जा रहे हैं शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है विशेषकर उच्च शिक्षा'एवंअनुसंधान'का.क्योंकि उच्च शिक्षा में पद बेचे जा रहे हैं चमचे चाटुकार चापलूसों की नियुक्तियां की जा रही है. अधिकांश शिक्षक विषयबोध" इन्नोवेटिव एजुकेशन"एवं रिसर्च मेथाडोलॉजी"से अनभिज्ञ है"

विगत 30 वर्षों में सहायक प्रोफेसर पद पर पीएचडी धारी आधिकाधिक नियुक्त हुए हैं.नकल'या'अनफेयर मिंस'से "फोर फर्स्ट क्लास जो यूजीसी क्वालीफाई नहीं कर सके,एवं सम्बद्ध विषय में पीएचडी थे, नियुक्तियां कर ली गई परंतु PG 55% साथ यूजीसी net को इसलिए नियुक्त नहीं किया गया कि उनका एकेडमिक रिकॉर्ड ठीक नहीं है.विगत 30 वर्षों में यूजीसी सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्तियों में पीएचडी धारी को भी छूट दे रखी थी. इस एक निर्णय ने संपूर्ण उच्च शिक्षा से मेधावियों को दूर कर दिया.यूजीसी का यह निर्णय भी विनाशकारी था और यह पीरियड भी उच्च शिक्षा में शोध'एवं अध्ययन'के लिए फिसड्डी है.

असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्तियों के लिए यूजीसी ने अब नेट अनिवार्य कर दिया है. 'हेल्दी डिसीजन'. एक छोटा काम और करना चाहिए नियुक्तियों में इंटरव्यू के समय इन्नोवेटिव एजुकेशन' एंड रिसर्च मेथाडोलॉजी पर एक डिसर्टेशन' प्रस्तुत करना अनिवार्य किया जाना चाहिए. 

कॉपी टू :-- अध्यक्ष यूजीसी, सी एस आई अर 
 डॉ संपूर्णानंद मल्ल        पूर्वांचल गांधी
यूजीसी नेट पीएचडी इन आर्कियोलॉजी हिस्ट्री डिपार्टमेंट फैकल्टी ऑफ़ सोशल साइंसेज देलही यूनिवर्सिटी.

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