वाह एलडीए, पुलिस प्रशासन वाह

लखनऊ पुलिस वाकई चुस्त दुरुस्त और पूरी तरह से मुस्तैद है। इंटरपोल और एफबीआई को इनसे प्रशिक्षण लेना चाहिए। अक़बर नगर लखनऊ में मनमाने ढंग से चलाए जा रहे ध्वस्तीकरण के एक पीड़ित की आठ साल की बेटी ने बड़ा जघन्य अपराध कर दिया। समय रहते यदि लखनऊ पुलिस चौकन्नी न हो जाती तो शायद दुनिया के नक्शे से भारत का नक्शा ही गायब हो गया होता! निस्संदेह उसका अपराध माफ़ करने लायक ही नही है। उसका सबसे बड़ा अपराध यह है कि वह तालीम हासिल कर रही है। यहां तक तो थोड़ी बहुत गनीमत थी लेकिन उसने तो अपराध करने की सारी सीमा ही तोड़ दी, जब उसने सरकार और उच्चाधिकारियों पर यह भरोसा कर लिया कि शायद वह मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन कर दैनिक रूप से अकबर नगर में एलडीए के बुल्डोजर और पुलिस के बूटों की धमक से दैहिक यातना के शिकार लोगों की मदद के लिए वह आगे आयेंगे। इसी विश्वास ने उसे दुस्साहस करने पर मजबूर कर दिया। मदद की गुहार में उसने सोशल मीडिया के माध्यम से उच्चाधिकारियों को X यानि ट्विट कर दिया।
          मण्डल आयुक्त, उपाध्यक्ष एलडीए को यह कैसे बर्दाश्त हो जाता कि कोई आठ साल की बच्ची मदद के लिए उनके उच्चाधिकारियों के यहां गुहार लगा रही है। इनके आदेश पर पुलिस वालों ने धर दबोचा उसके मामा को जो कि अपनी मां यानि कि लड़की की नानी को ले जाना आया था। जबरदस्ती पकड़ने के उपरान्त अन्तर्राष्ट्रीय आतंकी संगठनों से उसके तार जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। संभव है कि पाकिस्तानी कनेक्शन जोड़ कर रात में उसे ढेर भी किया जा सकता था, अखिलेश यादव की सक्रियता काम आ गई, पुलिस के खूनी पंजों की पकड़ ढीली पड़ी और वह बची जान के साथ घर वापस आ गया। यदि वह अभी नही छूटता तो शायद कल के अखबारों की सुर्खियों में हम पढ़ रहे होते कि *अक़बर नगर में आईएसआई का साया, पुलिस मुठभेड़ में एक आतंकवादी हुआ ढेर*। सुरक्षा कारणों से लड़की और उसके मामा का नाम उजागर करना उचित नही है। संभव है कि*खिसियाई बिल्ली खंभा नोचे* की तर्ज़ पर उस लड़की को सबक सिखाने के उद्देश्य से उसे फ़िदायीन घोषित किया जा सकता है।
      केवल जगह ही ख़ाली कराना इनका उद्देश्य होता तब यह इतना ताण्डव नृत्य न कर रहे होते! दो हज़ार परिवारों को अपना घर ख़ाली करने में समय तो लगता ही है। तंग गलियों में शिफ्टिंग में लगे 150 से अधिक मिनी ट्रक को निकलने में समय तो लगता ही है। भय के साए में शीघ्रातिशीघ्र एलडीए इस स्थान को सिर्फ़ इसलिए ख़ाली कराने पर अड़ी है ताकि उसके पापात्म कृत्य पर हमेशा पर्दा पड़ा रहे। एलडीए प्रशासन का तेवर तो ऐसे दिखता है; यदि उन्हें छूट दे दी जाए तब वह पेट्रोल का छिड़काव करके एक ही साथ पूरे मोहल्ले को जलाकर राख कर दें।
*गौतम राणे सागर*
  राष्ट्रीय संयोजक,
संविधान संरक्षण मंच।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ