हाथरस में मारे गए 121 लोगों की मौत प्रधानमंत्री द्वारा फैलाई गई अंधविश्वास'पाखंड'ढोंग का परिणाम है

4 जुलाई 2024
" महामहिम राष्ट्रपति महोदया" 
 'महादया' 

हाथरस में मारे गए 121 लोगों की मौत प्रधानमंत्री द्वारा फैलाई गई अंधविश्वास'पाखंड'ढोंग का परिणाम है जिसमें वे ईंट बालू पत्थर में प्राण डालते हैं।'मौलिक अधिकार'मौलिक कर्तव्य' इसकी अनुमति नहीं देते।नारायण सरकार विश्वहरि (भोले बाबा) ढोंग पाखंड अंधविश्वास का वही काम कर रहा था जो पिछले10 वर्षों से नरेंद्र मोदी मा प्रधानमंत्री कर रहे हैं।नारायण साकार अपने को भोले बाबा एवं भोले का अवतार घोषित किया था नरेंद्र मोदी भी अपने को अजैविकीय'ईश्वर का अंश' देवत्व'सन्यासी ईंट बालू पत्थर में प्राण डालने वाला'ताली थाली घंटा बजाकर वायरस भगाने वाला घोषित किया.

स्वतंत्रता संग्राम ने मंदिर'मस्जिद'शब्द का प्रयोग नहीं किया। मंदिर सत्याग्रह हुए परंतु मंदिरों में अछूतों छोटी जातियों के "प्रवेश प्रतिबंध"के विरुद्ध।आजादी उपरांत सत्ता के भूखे भेड़ियों ने मंदिर'मस्जिद'हिंदू'हिंदुत्व'मुसलमान'पाकिस्तान' शब्द का ऐसा इस्तेमाल किया.

'महोदया' 
'प्राण प्रतिष्ठा स्पेशलिस्ट नरेंद्र मोदी'मा PM देश के सबसे बड़े'जादूगर धीरेंद्र शास्त्री के सहयोग से 121 में प्राण प्रतिष्ठा कर जीवित करें,यदि यह संभव नहीं है तो:--- 

@ देश के सभी मठाधीशों बाबाओं संतों महंथों मुल्लाओं की जांच हो.परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय के किसी मा. न्यायाधीश के देखरेख में।

@ मंदिर मस्जिद मठ बाबाओं के आश्रम की चल अचल संपत्ति जप्त कर ली जाए। ब्रह्मचर्य'अपराध'धन संपदा' परित्याग का उपदेश देने वाले बाबा हजारों करोड़ के मालिक अनगिनत स्त्रियों से संभोग /व्याभिचार करतें हैं।अधिकांश मठाधीश'महंथ'क्रिमिनल है। सभी संत'महंत'मठाधीश'पुजारी अपने को ईश्वर का अवतार बताते हैं"ईश्वर का ठेकेदार घोषित करते हैं।'विज्ञान एवं मानवता' को नीचे दबा कर उसपर खड़े होते हैं इसलिए 'संविधान विरोधी कृत्य के लिए इन्हें जेल की कड़ी सजा'दी जाय।मूर्ति पूजा' पत्थर में प्राण डालना'स्वयं को भोले शंकर बताना'नफरत'जहर'है जो समाज'एवं राष्ट्र को घून की तरह खा रहा है। इनके विरुद्ध राष्ट्रद्रोह लगाया जाए.
 
@ देश की सभी मंदिरों मस्जिदों मठों आश्रमों को विद्यालय' चिकित्सालय'पुस्तकालय'में बदल दिया जाए मंदिरों के गेट पर'प्रिंबलऑफ़ कॉन्स्टिट्यूशन'लिखा हो।मंदिरों के अंदर यदि मूर्ति लगानी हो तो सावित्रीबाई विवेकानंद भगत सिंह गांधी अंबेडकर एपीजे अब्दुल कलाम की लगाई जाए.

नरेंद्र मोदी माननीय प्रधानमंत्री ने विगत 10 वर्षों में दयानंद विवेकानंद सावित्रीबाई भगत सिंह महात्मा गांधी अंबेडकर एपीजे अब्दुल कलाम की इस महान मुल्क में अंधविश्वास पाखंड ढोंग नफरत हिंसा भय फैलाई है इन्होंने संविधान में नागरिकों के मौलिक कर्तव्य 'टू डेवलप साइंटिफिक टेंपर एंड ह्यूमैनिटी'एवं सभी धर्म को समान संरक्षण'के मौलिक अधिकार'तोड़ा है.क्या प्रधानमंत्री को संविधान तोड़ने की अनुमति है?यदि है तो हाथरस में मारे गए 121 लोगों की मौत जायज है यदि नहीं तो 121 लोगों के मौत की जिम्मेदार अंधविश्वास'पाखंड'ढोंग एवं नफरत'है.अंधविश्वास पाखंड ढोंग नफरत समाप्त कर यदि"वैज्ञानिक संविधान"का कड़ाई से पालन नहीं किया तो भारत सत्य' अहिंसा'शांति'की अपनी पहचान गंवा देगा. 

प्रतिलिपि: परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय
माननीय मानवाधिकार आयोग मा.उपराष्ट्रपति मा.स्पीकर लोकसभा मा. सांसद

डॉ संपूर्णानंद  मल्ल        पूर्वांचल गांधी
9415418263

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