सत्य अहिंसा की पूरी ताकत से कहना चाहता हूं 15अगस्त संसद पर'जुर्म की जंजीरें' तोड़ दूंगा। कर"कीमत"की वर्तमान व्यवस्था नहीं चलने दूंगा।

6 जुलाई 2024
"महामहिम राष्ट्रपति महोदया"

'महोदया' 
सत्य अहिंसा की पूरी ताकत से कहना चाहता हूं 15अगस्त संसद पर'जुर्म की जंजीरें' तोड़ दूंगा। कर"कीमत"की वर्तमान व्यवस्था नहीं चलने दूंगा।

ऐसी किसी सत्ता का पतन चाहता हूं जो हमारे जीवन एवं हमारी स्वतंत्रता'पर टैक्स लगाता है।स्वतंत्रता दिवस15अगस्त संसद पर सत्याग्रह'कर इस व्यवस्था को तोडूंगा.
स्वतंत्रता समानता समाजवाद लोकतंत्र संविधान की हिफाजत के लिए सत्याग्रह। हमें भगत सिंह का समाजवाद"गांधी का स्वराज"अंबेडकर का संविधान"चाहिए।

'महोदया 
आटा चावल दाल तेल चीनी दवा:शिक्षा चिकित्सा रेल पर टैक्स एवं मार्गो पर पथकर क्यों? यह तो जीवन'एवं कहीं आने जाने की स्वतंत्रता की हत्या है। क्या संविधान इसकी अनुमति देता है?नहीं। इसे क्यों लगाया? किसने लगाया? क्या हम टैक्स देते मर जाएं?क्या हम कहीं आने जाने की अपनी स्वतंत्रता गाव दें? 5 किलो अनाज में जीवन खोजने वाले 80 करोड कंगाल एवं 22 करोड़ कुपोषित जिनके पास फूटी कौड़ी नहीं है जीवन की जरूरत शिक्षा चिकित्सा रेल कैसे हासिल करेंगे?
15 अगस्त को जुर्म की जंजीरें तोड़ दूंगा.
"महोदया' 
सैकड़ो पत्र ज्ञापन प्रेषित की कि जीवन'पर gst एवं स्वतंत्रता पर टोल टैक्स'समाप्त कर दें।समान'एवं शुल्क रहित' शिक्षा चिकित्सा रेल करें' डीजल पेट्रोल सीएनजी 50/ली,गैस सिलेंडर ₹500/ एवं गरीबों को मुफ्त दें।मदिरालय बंद कर दें प्राइवेट हाथों को बेची गई सरकारी संपत्ति'संसाधन'संस्थान' छीन ले,जीएसटी अधिकतम 16%, हैवी व्हीकल पर टोल टैक्स ₹1 प्रति किमी कर दें.इससे बेरोजगारी गरीबी महंगाई मर जाएगी। शराब बंद करते ही नारी बलात्कार हिंसा दुर्घटना समाप्त हो जाएगी. परंतु सरकार सुनती नहीं,तानाशाह की तरह काम कर रही हैं। लोगों से बिना पूछे और सदन में बिना विचार विमर्श आटा चावल दाल तेल चीनी दवा जो जीवन है,पर टैक्स लगा दी निजी गाड़ियों पर पथकर लगाई।शिक्षा चिकित्सा रेल ऊंची कीमतों,50 रुपए का डीजल पेट्रोल सीएनजी ₹100,तीन सौ का गैस सिलेंडर 1200 में बेचीं।
 
15 अगस्त को इस निर्दयी' बेशर्म लूट तंत्र' को तोडूंगा
'महोदया' 
लोकतंत्र मुट्ठीभर चोरों लुटेरों बलात्कारियों व्यभिचारियों हिंसकों भ्रष्टाचारियों अपराधियों के नियंत्रण में है।मतदान'को लोकतंत्र कहा जा रहा है।विधायिका लगभग पाँच हज़ार लोगों के अधीन है। 90% संसाधन एवं संपदा पर अमीरों पूजीपतियों का कब्जा है.22 करोड लोग कुपोषित है 80 करोड़ 5 किलो अनाज में अपना जीवन खोज रहे हैं अडानी अंबानी क्रमशः12 लाख एवं 10 लाख करोड़ के मालिक हैं. इसमें जन भागीदारी का लोकतंत्र एवं समानता का संविधान कहां है? 
 इस अलोकतांत्रिक पूंजीवादी व्यवस्था तोडूंगा।
'महोदया '
यह कैसी व्यवस्था है कि हमारे खाने चलने शिक्षा चिकित्सा रेल संचार पर टैक्स लिया जा रहा है और दूसरी तरफ विधायिका' एवं कार्यपालिका'के बलात्कारी भ्रष्टाचारी' अपराधी'चोर लुटेरे सब्सिडी एवं मुफ्त'पर शानो शौकत''ऐश्वर्य' बिलाशिता'का जीवन जी रहे है।पूरा सिस्टम अपराधी की तरह काम कर रहा है। पुनःमैं निवेदन करता हूं"कर एवं कीमतों की अपराधिक व्यवस्था"समाप्त कर दी जाय अन्यथा वायसराय इर्विन एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद के सामने सत्याग्रह कर "कर' एवं 'कीमतों' में वृद्धि के"आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स'उसी ढंग से तोडूंगा जैसे गांधी ने अंग्रेजी नमक कानून तोड़ा था.

कॉपी:-- परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय मा उपराष्ट्रपति
 माननीय मानवाधिकार आयोग। मा प्रधानमंत्री, गृह मंत्रीकानून एवं न्याय मंत्री

 डॉ संपूर्णानंद मल्ल                    
   पूर्वांचल गांधी
9415418263

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