श्री सिद्धेश्वर रूद्रमहायज्ञ एवं भक्ति ज्ञान संत सम्मेलन में जौनपुर से पधारे स्वामी महेश्वरानंद जी महाराज

श्री हनुमान जी महाराज अष्ट चिरंजीवियों में अजर-अमर हैं 
*हनुमान जी महाराज द्वारा लंका दहन का प्रसंग सुनाया ---स्वामी महेश्वरानंद जी
श्री सिद्धेश्वर रूद्रमहायज्ञ एवं भक्ति ज्ञान संत सम्मेलन में जौनपुर से पधारे स्वामी महेश्वरानंद जी महाराज ने अजर-अमर अष्टजीवी हनुमानजी महाराज को अतुलित बल धामंम्और ज्ञान में अग्रगण्य बताया।
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अतुलित बल धामंम- हेम सैलाभदेहं
दनुज वन कृसानुम् -ज्ञाननाम ग्रण्य
सकल गुण निधानं -बानराणामधीसम् ।।
लंका दहन प्रसंग में बताया कि हनुमान जी ने खेला कर अपनी पूंछ को बढ़ाना शुरू किया तो लंका भर में घी और तेल सहित बस्त्र भी नहीं बचे।।
स्वामी जी महाराज ने हनुमान जी महाराज के अनेकों प्रसंग श्रोताओं को सुनाकर आनन्दइत किया।।
आज के सम्मेलन में बाराबंकी से पधारे पं.राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी गुरु जी, सीतापुर के गौरव मानस और भागवत के मर्मज्ञ मनोज कुमार शास्त्री जी, ने उपस्थित श्रोताओं और भक्तों को ज्ञान रस रूपी अमृत पिलाया।।
कथा के विश्राम पर श्री मद परमहंस स्वामी प्रकाशानन्द सरस्वती फलाहारी बाबा ने जय शिव ओंकारा....... आरतीका गायन किया और प्रसाद वितरण किया गया ।
रघुबर दयाल शुक्ल गुरु जी सीताराम व्यवस्थापक/संवाददाता सिधौली--सीतापुर।

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