'महामहिम राज्यपाल"
उत्तर प्रदेश
सत्यपथ इकलौता मार्ग है जिसपर मैं चलता हूं अन्यथा की दशा में बंदी जीवन पसंद करूंगा।
महोदया"
"कावड़ मार्गों की दुकानों पर हो मालिकों के नाम------ नाम लिखा न मिला तो नपेंगे थानेदार"
मा. मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
दैनिक जागरण 20 जुलाई 2024
यह नफरती'असंवैधानिक'आदेश तत्काल वापस करिये
23 जुलाई 'विधान भवन'पर सत्याग्रह कर इसे तोडूंगा
"महोदया"
मा मुख्यमंत्री जी को सबसे पहले लखनऊ की तख्त से हट जाना चाहिए जो आशफुदौला की वसीयत है महामहिम उस 'कोठी हयात''राज भवन"से हट जाइये जिसके भीतर पंडित बिस्मिल अशफ़ाक उल्ला खान रोशन सिंह राजेंद्र लाहिड़ी की फांसी की प्रोसिडिंग हुई थी और उस प्रोसीडिंग में क्रांतिकारियों की ओर से पंत एवं जिन्ना दोनों खड़े थे.आज डेमोक्रेसी'है संविधान'का शासन है.गवर्नर एवं मुख्यमंत्री पद पर प्रदेश के 25 करोड लोगों का समान हक है परंतु आप नहीं मानते नहीँ तो यह असंवैधानिक आदेश न निकलता. महामहिम से बार-बार निवेदन करता हूं कि यह आदेश तत्काल वापस ले लें अन्यथा 23 जुलाई को विधान भवन पर अनशन कर इसे उसी ढंग से तोडूंगा जैसे अंग्रेजी हुकूमत के 'कम्युनल अवार्ड' को गांधी ने तोड़ा था। मैं इतनी ही विनती करता हूं कि मेरा संवैधानिक अधिकार,यानी सत्याग्रह मुझसे न छीना जाए।
मुझे न रोकें,जैसा की सरकार करती रही हैं, क्योंकि,रतिभर,"ला एंड ऑर्डर'क्षतिग्रस्त नहीं करता. जिस प्रकार,कुछ को छोड़कर विधायिका कार्यपालिका के शेष चोर' बलात्कारिओं अपराधियों अंधविश्वासियों पाखंडियों ढोंगियों नफरत फैलाने वालों को z प्लस सुरक्षा दी गई है,सत्यपथ पर चलने के लिए मुझे भी दी जाय, क्योंकि, गांधी की तरफ नफरती' मेरी भी हत्या कर देंगें। जीवन के अंतिम सांस तक 'हिंदू मुस्लिम नफरत"नहीं फैलने दूंगा। यह प्रार्थना पत्र भेजनें के उपरांत मेरे साथ जो कुछ होगा उसके लिए महामहिम' एवं मा.मुख्यमंत्री' जिम्मेदार होंगे
'महोदया'
इससे हिंदू-मुस्लिम नफरत है। संविधान में कास्ट' रिलिजन' प्लेस ऑफ़ बर्थ' स्त्री पुरुष'और रंग' के आधार पर भेद न करने की हिदायत है। यह भी विचार करना चाहिए कि आज रिलिजन'के आधार पर नफरत फैलाई जा रही है कल अछूत दलित छोटी जातियों एवं बड़ी जातियों के बीच नफरत फैलेगी, फैलाई जाएगी.
'महोदया'
खाना अनाज' हवा'पानी'मिट्टी'फल'श्रम' पर किसी रिलिजन का नाम लिखा होता क़्या है? और जब इस पर रिलिजन नहीं लिखा होता तो दुकान पर जबरदस्ती लिखवाने का आदेश क्यों?
मां जब हमें पैदा करती है तब शरीर पर रिलिजन' कास्ट'नहीं लिखा होता.
'महोदया'
'वैल्यूलेस ऑर्डर'। सड़क' गंदगी' एवं शौचालय की सफाई 'मैला हटवाने' के लिए माननीय एवं सभ्यता के सभ्य' अमीर मुसलमान'शेड्यूल कास्ट'( चमार) स्वीपर की तलाश करते हैं और दूसरी तरफ उन्हीं के विरुद्ध नफरत? छी ---!
"महोदया "
भगत सिंह ने फांसी के पूर्व जेल का खाना मना कर दिया उन्होंने मुसलमान स्वीपर के घर बना खाना खाने की इच्छा व्यक्त की। गांधी कहां करते थे मेरे हृदय में एक तरफ मुसलमान और दूसरी तरफ दलित हरिजन बसतें है।
'महोदया'
मुस्लिम लीग (1908 )और अंबेडकर (1931,32 ) के 'अलग मतदाता मंडल की मांग गांधी ने अनशन कर वापस लेने पर मजबूर कर दिया। मैं चाहता हूं इसे वापस ले लीजिए।
भगत सिंह गांधी अंबेडकर एपीजे अब्दुल कलाम के इस महान मुल्क को अब और अधिक मत तोड़िए
प्रति :-- महामहिम राष्ट्रपति परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय मा मानवाधिकार आयोग मा मुख्यमंत्री मा प्रधानमंत्री मा.गृहमंत्री मा नेता विपक्ष
श्रीमान प्रमुख सचिव डीजीपी उत्तर प्रदेश
श्रीमान आयुक्त, जिलाधिकारी,श्रीमान एडीजी, डीआईजी, एसपी,गोरखपुर
मा.संपादक समाचार पत्र
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी
सत्यपथ PS शाहपुर गोरखपुर
9415418263
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