"महामहिम राष्ट्रपति"
' महोदया'
संविधान संशोधन कर 'न्याय संहिता" के स्थान पर 'कानून या विधि संहिता"शब्द रखा जाए"क्योंकि 'दंड' पनिशमेंट और न्याय"जस्टिस'अलग-अलग विषय है"
'महोदया '
'न्याय संहिता" के लिए "कानून या विधि संहिता" शब्द करें. " दंड एवं न्याय'"'पनिशमेंट' एवं जस्टिस" 'दंड विधान' एवं ''न्याय है ,और इसके लिए आज "ला एंड जस्टिस शब्द प्रयोग किया जाता है. हिंदी में 'विधि एवं न्याय' शब्द
'महोदया'
यदपि न्याय संहिता शब्द का प्रयोग"स्वतंत्र न्यायपालिका "को प्रभावित नहीं करता फिर भी इससे अनावश्यक 'भ्रम"पैदा'हो गया है. महोदया इसलिए कानून में बदलाव कर"न्याय संहिता" के स्थान पर 'कानून या विधि संहिता' शब्द किया जाए.
प्रतिलिपि सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय
मा उप राष्ट्रपतिमा मा स्पीकर लोकसभा मा प्रधानमंत्री,गृह मंत्री,ला एंड जस्टिस मिनिस्टर मा सांसद गंण
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी
स्नातक-- राजनीति शास्त्र' अर्थशास्त्र' इतिहास'
पीएचडी' इतिहास विभाग' दिल्ली विश्वविद्यालय
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