पूर्वांचल गांधी ने प्रमुख सचिव एवं डीजीपी को लिखा पत्र

अर्जेंट लेटर  4pm   23 जुलाई 24
'श्रीमान प्रमुख सचिव एवं 'पुलिस महानिदेशक'
 उत्तर प्रदेश

सत्यपथ इकलौता मार्ग है जिसपर मैं चलता हूं अन्यथा की दशा में बंदी जीवन पसंद करूंगा।

'महोदय द्वय '
मा मुख्यमंत्री जी' का आदेश "कावड़ मार्गों की दुकानों पर हो मालिकों का नाम "असंवैधानिक'है, इससे एकता टूटेगी' नफरत फैलेगी इसलिए आदेश तत्काल समाप्त किया जाए अन्यथा सत्य'अहिंसा 'की ताकत से आदेश तोडूंगा मैं जानता हूं आप मुझे रोकेंगे जो असंवैधानिक होगा, क्योंकि सत्याग्रह मेरा 'मौलिक अधिकार'है। सत्याग्रह से मुझे रोका गया तो मैं अनशन पर विवश होऊंगा जिसकी सारी जिम्मेदारी आपकी होगी।इसलिए मैं विधान भवन पर मेरे सत्याग्रह को देखते हुए कड़ी सुरक्षा की जाए क्योंकि इस आदेश को मैं नहीं चलने दूंगा और इससे भी ज्यादा तंग करने की कोशिश हुई तो 'संविधान रक्षा के लिए 'परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय' से गुहार लगाऊंगा।

महोदय द्वय '
भगत सिंह ने फांसी के पूर्व जेल का खाना मना कर दिया उन्होंने मुसलमान स्वीपर के घर का बना खाना खाने की इच्छा व्यक्त की, गांधी करते थे मेरे हृदय में एक तरफ मुसलमान दूसरी तरफ दलित हरिजन रसतें है. क्या,खाना अनाज पानी हवा चाय मिठाई दवाई श्रम खेती की कोई जाति होती है क़्या ? क्या अब डॉक्टर का मजहब जानकर इलाज होगा?आज रिलिजन"के नाम पर नफरत' कल शेड्यूल कास्ट दलित छोटी जाति और बड़ी जातियों' के बीच नफरत।क्या आप 25 करोड प्रदेश वासियों के मुख्यमंत्री नहीं है? जिस सीट पर आप बैठे हैं उसपर अशफुदौला का नाम अंकित है,महामहिम' जिस कोठी हयात' राज भवन'गर्वनर हाउस में रहती है उस कोठी में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल अशफ़ाक उल्ला खान रोशन सिंह राजेंद्र लाहिड़ी' के फांसी की प्रोसिडिंग चली थी "जिस पद पर' जिन कोठियों'में आप रहते हैं,'हिंदू मुसलमान के श्रम' रक्त' एवं फांसी का परिणाम है'

'महोदय द्वय '
इस आदेश का मैं पतन चाहता हूं तत्काल बिना वक्त गुजारे।
हमें आप दुआएं यह भी बताएं कि आप मुख्यमंत्री के आदेश पालन के लिए नियुक्त हैं या संविधान की रक्षा के लिए! उल्लेखनीय है कि "कावड़ मार्गों की दुकानों पर मालिकों के नाम लिखने" का आदेश मा मुख्यमंत्री का निजी आदेश है संविधान ऐसे आदेश निर्गत करने की अनुमति नहीं देता।

'महोदय द्वय '
मैं पुनःनिवेदन करता हूं कि मा मुख्यमंत्री जी से संवाद कर इस आदेश को तत्काल समाप्त कराएं"संविधान'एवं एकता की हिफाजत" के लिए। मुझे तत्काल बताएं कि यह आदेश निरस्त होगा या नहीं? यदि नहीं तो इस आदेश को शांतिपूर्ण सत्याग्रह' से तोडूंगा उसी प्रकार जैसे गांधी अंग्रेजों का"कम्युनल अवार्ड' तोड़े थे 
महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर आजाद की जयंती 23 जुलाई'विधान भवन'अनशन करूंगा।मेरे एवं मेरे परिवार की कड़ी सुरक्षा की जाए। मेरे साथ कुछ भी घटित हुआ तो मुख्यमंत्री प्रमुख सचिव एवं डीजीपी जिम्मेदार होंगे।

प्रति:--महामहिम राज्यपाल  मा मुख्यमंत्री श्रीमान आयुक्त लखनऊ श्रीमान पुलिस आयुक्त लखनऊ श्रीमान आयुक्त,जिलाधिकारी,एडीजी  डीआईजी एसएसपी गोरखपुर 

डॉ संपूर्णानंद मल्ल              
  पूर्वांचल गांधी
पीएचडी इन हिस्ट्री आर्कियोलॉजी' डिपार्टमेंट ऑफ़ हिस्ट्री' फैकल्टी ऑफ़ सोशल साइंसेज' देलही यूनिवर्सिटी'
किसान पुत्र किसान' 50 यूनिट वॉलंटरी ब्लड डोनेटर गोरखनाथ ब्लड बैंक एवं सरकार.10 हज़ार पेड़ों का 'योगी गोरख वन उद्यान'.महान योगी गोरख के नाम पर बनने वाला प्रदेश एवं देश का इकलौता वन उद्यान। गवर्नर मुख्यमंत्री का प्रशस्ति पत्र।
सत्यपथ  PS शाहपुर गोरखपुर.  
मो -9415418263

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