*कुशीनगर।*
दीवानी न्यायालय कसया के अधिवक्ता अपनी मांगों के समर्थन में न्यायिक कार्य का वहिष्कार करते हुए कुशीनगर सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के नेतृत्व में क्रमिक अनशन पर बैठ गए और अपनी मांगों को पूरा होने तक समस्त न्यायिक कार्यों से विरत रहने का निर्णय लिया।
सोमवार क्रमिक अनशन की शुरुआत देश के प्रथम राष्ट्रपति व वरिष्ठ अधिवक्ता रहे डॉ राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर हुआ। इसके पश्चात क्रमिक अनशन पर बैठने वालों में पूर्व अध्यक्ष व संघर्ष समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र श्रीवास्तव, चन्देश्वर गोंविन्द राव, राकेश तिवारी, हारून रसीद, जयराज सिंह, सुबोध पाठक, अजय तिवारी, रमेश वर्मा का माल्यार्पण किया गया। सभी अधिवक्ताओं को इस आंदोलन को सफल बनाने की शपथ पूर्व अध्यक्ष अशोक राय ने दिलाई। अधिवक्ताओं ने कहा कि प्रमुख मांगों में कप्तानगंज तहसील के सिविल के दाखिले के क्षेत्राधिकार पूर्वत कसया में किया जाय। कसया स्थित बाह्य न्यायालय में पूर्व से चल रहे सत्र परीक्षणीय मामलों का रोमांड व जमानत पूर्व की भांति कसया में किया जाय। महिलाओं से सम्बंधित अपराध की समस्त पत्रलियों को जो नवम्बर 2023 के पूर्व की है उनका परीक्षण पूर्व की भांति कसया स्थित न्यायलयों में किया जाय। सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध परिवाद के मामले व एआर टीओ से सम्बंधित समस्त चलानी को पूर्व की भांति कसया में दिया जाय। जनपद न्यायधीश कुशीनगर द्वारा किये जा रहे भ्र्ष्टाचार की जांच की मांग की गई। वीरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि जिला जज ने लगातार हमारी मांगो की उपेक्षा की। इसलिए क्रमिक अनशन का निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने सभी से सहयोग की अपील की। इस दौरान पूर्व अध्यक्ष ओंकार नाथ पाण्डेय, पंचानंद मिश्र, बद्रीनारायण दुबे, राजेश्वर सिंह, संजय सिंह बघेल, सोहराब अंसारी, संजय सिंह, दिलीप श्रीवास्तव, केदार राय, रघुनाथ यादव, देवेंद्र श्रीवास्तव, दिन दयाल मल्ल, गिरिजेश श्रीवास्तव, विनय मणि, सत्येंद्र राय, धर्मेन्द्र सिंह, विनोद तिवारी आदि मौजूद रहे।
*दिनेश जायसवाल की रिपोर्ट*
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