' माननीय मुख्यमंत्री जी"
उत्तर प्रदेश
'सत्यपथ' इकलौता मार्ग है जिसपर मैं चलता हूं'
महोदय '
आदेश "कावड़ मार्गों की दुकानों पर हो मालिकों का नाम"
असंवैधानिक'है, इससे एकता टूटेगी' नफरत फैलेगी। इसे समाप्त करें। आज हिंदू मुसलमान की दुकान बाटेंगे कल दलित शेड्यूल कास्ट और उच्च जातियों की दुकानों पर उनका नाम लिखा होगा जानते हैं इसका परिणाम मजहब से मजहब और आदमी से आदमी बंट जाएगे यह आदेश अंग्रेजी "कम्युनल अवार्ड"से भी घातक है।
क्या यही हिंदुस्तानआपको आजादी में मिला है?क्या भगत सिंह गांधी अंबेडकर एपीजे अब्दुल कलाम का यही भारत है? यदि नहीं तो ऐसा आदेश जारी कैसे हुआ?
महोदय
भगत सिंह ने फांसी के पूर्व जेल का खाना मना कर दिया उन्होंने मुसलमान स्वीपर के घर का बना खाना खाने की इच्छा व्यक्त की, गांधी करते थे मेरे हृदय में एक तरफ मुसलमान दूसरी तरफ दलित हरिजन रसतें है. क्या,खाना अनाज पानी हवा चाय मिठाई दवाई श्रम खेती की कोई जाति होती है क़्या ? क्या अब डॉक्टर का मजहब जानकर इलाज होगा?आज रिलिजन"के नाम पर नफरत' कल शेड्यूल कास्ट दलित छोटी जाति और बड़ी जातियों' के बीच नफरत।क्या आप 25 करोड प्रदेश वासियों के मुख्यमंत्री नहीं है?
'महोदय'
यदि सच में इस्लाम पंथिओं से इतनी ही नफरत है तो आपको गद्दी छोड़ देनी चाहिए क्योंकि जिस सीट पर आप बैठे हैं उसपर तो अशफुदौला का नाम अंकित है। महामहिम' जिस कोठी हयात' राज भवन'गर्वनर हाउस में रहती है उस कोठी में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल अशफ़ाक उल्ला खान रोशन सिंह राजेंद्र लाहिड़ी' के फांसी की प्रोसिडिंग चली थी "जिस पद पर' जिन कोठियों'में आप रहते हैं,'हिंदू मुसलमान के श्रम' रक्त' एवं फांसी का परिणाम है'
महोदय'
यह आप क्या कर रहे हैं? क्यों कर रहे हैं? इससे क्या हासिल करना चाहते हैं?बताएं तो जरा। यह लोकतंत्र है आपको हमें बताना पड़ेगा। क्या शिक्षा' स्वास्थ्य' एकता' आर्थिक' विकास को बढ़ावा मिलेगा? या तो हमें यह बताएं कि ऐसा क्यों करना चाहते हैं? या इसे समाप्त कर दें।आपका 'आर्बिट्रेरी आर्डर'है संविधान इसकी अनुमति नहीं देता
'महोदय'
पुनःनिवेदन करता हूं कि श्रीमान प्रमुख सचिव प्रमुख सचिव गृह' डीजीपी' से तत्काल संवाद कर इस आदेश को समाप्त करें। मुझे 22 जुलाई 4pm तक बताएं जाय कि यह आदेश निरस्त होगा या नहीं? यदि नहीं तो इस आदेश को तोड़ना मेरा धर्म'एवं कर्म'दोनों है क्योंकि मैं भगत सिंह गांधी अंबेडकर कलाम के इस महान मुल्क को नफरत की जमीन नहीं बनने देंगें। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर आजाद की जयंती 23 जुलाई विधानसभा पर शांतिपूर्ण सत्याग्रह'कर इसे तोडूंगा जैसे गांधी ने अंग्रेजों का"कम्युनल अवार्ड' तोड़ा था।
मेरे एवं मेरे परिवार की कड़ी सुरक्षा की जाए। मेरे साथ कुछ भी घटित हुआ तो मुख्यमंत्री प्रमुख सचिव एवं डीजीपी जिम्मेदार होंगे।
कार्यक्रम-
22 जुलाई दिन में 4:00 बजे अपने वाहन संख्या UP 53 DS 7024 सफेद रंग की वेगनर से लखनऊ के लिए निकलूंगा 23 तारीख को 11:00 बजे विधानसभा के सामने यातायात में बिना बाधा डाले सड़क की एक तरफ संविधान' तिरंगे' एवं एक हैंड माइक के साथ सत्याग्रह प्रारंभ करूंगा सत्य अहिंसा की पूरी ताकत से यह कहना चाहता हूं कि मेरे सत्याग्रह में यदि व्यवधान पैदा किया गया बल प्रयोग किया गया तब अनशन करूंगा जीवन एवं प्राण की छति की सारी जिम्मेदारी माननीय मुख्यमंत्री श्रीमान प्रमुख सचिव श्रीमान डीजीपी की होगी क्योंकि इन लोगों से बार-बार निवेदन कर रहा हूं कि इसअसंवैधानिक'नफरती आदेश वापस ले लें
प्रति:--महामहिम राज्यपाल श्रीमान प्रमुख सचिव प्रमुख सचिव गृह श्रीमान डीजीपी श्रीमान आयुक्त लखनऊ श्रीमान पुलिस आयुक्त लखनऊ श्रीमान आयुक्त,जिलाधिकारी,एडीजी डीआईजी एसएसपी गोरखपुर
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी
पीएचडी इन हिस्ट्री आर्कियोलॉजी' डिपार्टमेंट ऑफ़ हिस्ट्री' फैकल्टी ऑफ़ सोशल साइंसेज' देलही यूनिवर्सिटी'
किसान पुत्र किसान' 50 यूनिट वॉलंटरी ब्लड डोनेटर गोरखनाथ ब्लड बैंक एवं सरकार.10 हज़ार पेड़ों का 'योगी गोरख वन उद्यान'.महान योगी गोरख के नाम पर बनने वाला प्रदेश एवं देश का इकलौता वन उद्यान। गवर्नर मुख्यमंत्री का प्रशस्ति पत्र।
सत्यपथ PS शाहपुर गोरखपुर. मोब -9415418263
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