राष्ट्रपति महोदया,जीवन'स्वतंत्रता'संविधान'की हत्या करने वाली क्रूर'हिंसक'अपराधिक'सत्ता समाप्त करें..?

30 अगस्त 2024
"महामहिम राष्ट्रपति महोदया,
जीवन/प्राणकर''पथकर'शिक्षा चिकित्सा रेल पर 'कर'एवं कीमतें समाप्त करें या जीवन'स्वतंत्रता'संविधान'की हत्या करने वाली क्रूर'हिंसक'अपराधिक'सत्ता समाप्त करें? आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही दवा जीवन है'प्राण है'जीवन के अधिकार अनु21 की हत्या है उसपर टैक्स क्यो लगाया गया? 545 243 सांसदों 142 करोड लोगों में किसने पेट पर टैक्स लगाने की मांग की? इस पर टैक्स लगाने से अच्छा है हिटलर की तरह 'गैस चैंबर्स (एक्सटर्मिनेशन कैंप) में डालकर लोगों को मार दिया जाए।आखिर हमारा जीवन हमारी स्वतंत्रता शिक्षा चिकित्सा रेल हमसे छीन कर सरकार हमें क्या देना चाहती है?हमें कौन सा विकास देना चाहते हैं 142 करोड लोगों में से कोई एक व्यक्ति हमें बताएं?

"महोदया" 
जिस देश में 5kg अनाज में जीवन खोजने वाले 80 करोड़ कंगाल एवं 22 करोड़ कुपोषित जिनके पास फूटी कौड़ी न हो उस देश की सरकार आटा चावल गेहूं दाल तेल चीनी दही दूध दवा पर टैक्स लेती हो' शिक्षा चिकित्सा रेल पर टैक्स लेती हो और महंगी की हो रसोई गैस का सिलेंडर ₹900 में बेचती हो'निजी गाड़ियों पर पथकर लेती हो'उस देश में जीवन" स्वतंत्रता'संविधान'कैसे महफूज रह सकता?
ऐसी क्रूर' लुटेरी'अपराधी सत्ता का पतन चाहता हूं 

"महोदया" 
जहां पत्थर के मंदिर मूर्ति मस्जिद में रहने वाला भगवान जीवन निगल रहा हो जहाँ मदिरालयों की मॉडल शॉप हो और दूसरी तरफ सड़े गले अनाज खिलाने 'मिड डे मील' वाले विद्यालय चल रहे हैं जिस देश का PM नौ हज़ार करोड़ की विमान से चलता हो और दूसरी तरफ 120 करोड़ लोग ट्रेनों की बोगियों में भूसे से भरे बोरे की तरह यात्रा करते हों' अमीर 'माननीय'दून DPS में पढ़ते हों मेदांता अपोलो में इलाज करतें हों और दूसरी तरफ दवा की एक गोली के अभाव में कंगाल गरीब मर जाते हो"जिस देश की विधायिका कार्यपालिका के माननीय सदस्य चोर बलात्कारी अपराधी हों उस देश की रक्षा?पत्थरों में रहने वाला या'विधायिका कार्यपालिका में बैठने वाले भगवान नहीं वरन वह महान किसान और मजदूर कर रहा है जिसके फेफड़े काम करते-करते बेदम हो जाते हैं और रात्रि सूखी रोटी नमक पानी खाकर मर जाता है यही हमारा भगवान है।वह नहीं जानता लोकतंत्र सांसद विधायक का कार्यपालिका संविधान वह कुछ नहीं जानता। 

"महोदया" 
युवा'भारत बेरोजगारी'गरीबी से म्यूट"हो चुका है? भारत में 'बेरोजगारी गरीबी महंगाई रूपी अपराध'विधायिका'  कार्यपालिका के सदस्यों नें पैदा की है.

"महोदया" 
सैकड़ो पत्रों ज्ञापन में मैंने यही माँगा कि सरकार आटा चावल गेहूं दाल तेल चीनी  दूध दही दवा पर टैक्स समाप्त कर दे शिक्षा चिकित्सा  समान"शुल्करहित कर दे निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त कर दे गरीबों को फ्री गैस सिलेंडर दें ताकि उसके यहां खाना बन सके वृद्ध'बच्चे'महिलाएं'खाना पा सकें 
 सभी बेरोजगारों को रोजगार दे दे ताकि गरीबी मिट जाए.
आखिर जीवन की उक्त ज़रूरतें विधायिका कार्यपालिका के सदस्यों को फ्री मिली हैँ। लोगों को फ्री न दें। परंतु उस पर tax समाप्त कर दें उसे कमाई का साधन न बनाएं

"महोदया" 
मैं बार-बार लिख रहा हूं कि मैं ऐसी सरकार नहीं चलने दूंगा जो हमारा जीवन हमारी स्वतंत्रता और संविधान हमसे छीनती
है। मैं इस समय बीमार हूं जब दिल्ली आऊंगा 7 लोकपथ पर सत्याग्रह करूंगा "मनमानी कर'एवं कीमतों' की व्यवस्था' उसी ढंग से तोडूंगा जैसे गांधी ने फिरंगियों का 'नमक' कानून तोड़ा था। झूठ'हिंसा' पर टिकी सरकार को सत्य'एवं अहिंसा' की ताकत से समाप्त कर दूंगा।

'महोदया" 
'लोकतंत्र' में 'पत्र का जवाब 'एवं 'जीवन सुरक्षा' मौलिक अधिकार है इसलिए मेरे पत्र का जवाब दिया जाए और मेरे मेरे परिवार की कड़ी सुरक्षित की जाए' 

कॉपी : परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय मा मानवाधिकार आयोग. आदरणीय अन्ना हजारे

डॉ संपूर्णानंद मल्ल         पूर्वांचल गांधी          
सत्यपाथ ps शाहपुर 273004 गोरखपुर  
9415418263,  snm. 190907@yahoo. co. in

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