महोदया दो छोटे-छोटे सुझाव हैं जिस पर विचार किया जा सकता है. परंतु निश्चित ही यह सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय पर कोई टिप्पणी नहीं है

21 अगस्त 2024
"महामहिम राष्ट्रपति महोदया"
                  ज्ञापन द्वारा
' श्रीमान आयुक्त' गोरखपुर

रिजर्वेशन 'समता पुरुष' अंबेडकर का एक ऐसा 'वैज्ञानिक" संवैधानिक इंस्ट्रूमेंट' जो पीढ़ी दर पीढ़ी दमन की प्रक्रिया से गुजरने वाली एससी एसटी जातियों को खींचकर अपने बराबर लाने का एक 'मानवीय"समतादी रास्ता है मैं बराबर चाहता हूं कि SC ST रिजर्वेशन का लाभ एससी एसटी के उन लोगों को भी मिले जिन्हें इस रिजर्वेशन का लाभ नहीं मिल रहा है परंतु किसी समतावादी फार्मूले की तलाश में कहीं ऐसा न हो रिजर्वेशन की मूल मनसा खंडित हो जाए 

परम सम्माननीय न्यायालय की मंशा यही है एससी एसटी रिजर्वेशन का लाभ उस संवर्ग के अन्य लोगों को भी मिले जो इससे वंचित है। मैं नहीं जानता एससी ST रिजर्वेशन को 'सब क्लास' में विभाजित कर उन लोगों को रिजर्वेशन का लाभ कैसे पहुंचाएंगे जिन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा है? क्योंकि एससी एसटी संवर्ग में अधिकांश ऐसी जातियां हैं जो अभी शिक्षा से दूर हैं उनके पास नौकरियों के लिए योग्यता ही नहीं है उदाहरण के लिए जिस संवर्ग में वाल्मीकि' शाक्य' निषाद' पासवान' ऐसी जातियां हैं जो एसी रिजर्वेशन पर कब्जा कर चुकी हैं परंपरागत रूप से चमड़े का धंधा करने वाली चमार' जाति जो एससी की मूल जाति है आज भी लगभग उसी स्थिति में है इसी प्रकार st संवर्ग में मीणा".एससी कोटे पर कब्जा कर लिया है अन्य st जातियों में शिक्षा ही नहीं है 

महोदया दो छोटे-छोटे सुझाव हैं जिस पर विचार किया जा सकता है. परंतु निश्चित ही यह सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय पर कोई टिप्पणी नहीं है क्योंकि उसे जजमेंट की मूल मानसा उन लोगों को रिजर्वेशन का लाभ देना है जिन्हें एससी st रिजर्वेशन का लाभ नहीं मिल रहा है. @एससी'एसटी'अति पिछड़े,' 'महिला,' 'अल्पसंख्यकों' को स्नातक तक अनिवार्य निशुल्क शिक्षा का अधिकार हो @ जिन लाभार्थियों के पिता संरक्षक माता द्वितीय' प्रथम' श्रेणी सेवा में हों उनके बच्चों को यानी जस्ट अगली पीढ़ी को SC ST आरक्षण न दिया जाए.

प्रति :-- सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय माननीय मानवाधिकार आयोग

 डॉ संपूर्णानंद मल्ल                पूर्वांचल गांधी
9415418263
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