'माननीय मुख्यमंत्री'जी'
उत्तर प्रद
विषय "अनुदेशकों को तत्काल नियमित करें'' क्योंकि उनकी जीविका' एवं जीवन' का प्रश्न है
'महोदय'
अनुदेशक विगत 10 वर्षों से शिक्षण कार्य के साथी ही वह सारा काम कर रहे हैं जो सरकार एक नियमित शिक्षक से कराती है,फिर उन्हें "नियमित करने और नियमित शिक्षकों के समान वेतन"देने में क्या परेशानी है? समानता"फंडामेंटल राइट'एवं 'समान काम के लिए समान वेतन' डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स ऑफ़ स्टेट पॉलिसी'कहाँ है?
अनुदेशको को नियमित करने के लिए मैंने एक ज्ञापन 27 दिसंबर 23 को अनुदेशकों के धरना प्रदर्शन, इको पार्क लखनऊ, में जाते हुए फैजाबाद बाराबंकी टोल प्लाजा पर उस समय दिया था जब पुलिस ने मुझे लखनऊ जाने से रोक दिया. / गिरफ्तार कर लिया.उस ज्ञापन में मैंने होमगार्ड' शिक्षा मित्र आशा' दाई जो सुरक्षा' शिक्षा चिकित्सा'में रीड हैं नियमित करने का आग्रह किया था उक्त ज्ञापन में मैंने उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही का वेतन इंस्पेक्टर के बराबर एवं दैनिक भत्ते पेट्रोल के लिए लिखा था आपने क्या निर्णय लिया मुझे नहीं मालूम?
लखनऊ में निदेशालय पर अनुदेशकों का धरना आज से प्रारंभ हो गया है मैं यही चाहता हूं कि उन्हें तत्काल नियमित करें..ज्ञापन दिए 8 महीने बीत गए सरकार ने क्या निर्णय लिया है? मुझे बताया जाए.
'सत्याग्रह 'करूंगा
कल या परसों अपनी सुविधानुसार( स्वास्थ्य की स्थिति अनुसार) मैं किसी समय उनके धरना प्रदर्शन में लखनऊ पहुंचूंगा इस बीच यदि उनके नियमित करने का आदेश पारित नहीं किया गया तों उनके साथ शांतिपूर्ण 'सत्याग्रह 'करूंगा
आपसे प्रार्थना करता हूं कि मुझे पुलिस गिरफ्तार न करें जीवन"बचाने के विषय पर मुझे स्वतंत्रता' पूर्वक,जो मेरा मौलिक अधिकार है,सत्याग्रह करने दे.
मेरी कड़ी सुरक्षा की जाए।
प्रति :- माननीय शिक्षा मंत्री श्रीमान शिक्षा सचिव श्रीमान प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश श्रीमान आयुक्त जिलाधिकारी गोरखपुर श्रीमान एडीजी डीआईजी एसएसपी गोरखपुर.
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी
9415418263
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