कलेक्ट्रेट सभागार में मनाया गया विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

आजादी के पूर्व संध्या देशवासियों को विभाजन जैसी विभीषिका का दंश झेलना पड़ा:-विधायक मनीष जायसवाल*

*त्रासदी के दौरान प्राणोत्सर्ग करने वाले लोगों, वीर शहीदों को याद करते हुए अर्पित की गई श्रद्धांजलि*

*विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर लगाई गई उत्कृष्ट प्रदर्शनी*

*विभाजन विभीषिका के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले लोगों की स्मृति में आज मनाया गया विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस* 

 *कुशीनगर* 

कलेक्ट्रेट सभागार में बीते बुद्धवार को विधायक पडरौना मनीष जायसवाल तथा जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन किया गया। 
इस दौरान लखनऊ में हो रहे विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस  कार्यक्रम का सीधा प्रसारण व मा0 मुख्यमंत्री का उद्बोधन एलईडी स्क्रीन पर सभी विभागाध्यक्षों, कर्मचारियों,  जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में दिखाया गया।
 इस दौरान गत वर्ष की भांति विभाजन से संबंधित अभिलेखों की उत्कृष्ट प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया एवं अपनी भूमि के उन परिवारों को नमन करते हुए जिन्हें भारत के विभाजन के दौर में अपने परिवारजन के प्राण न्यौछावर करने वालों को श्रद्धा पूर्वक याद किया गया। विभाजन विभीषिका के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले लोगों की स्मृति में दिनांक 14 अगस्त, 2024 को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया गया। 

इस अवसर पर  विधायक सदर मनीष जायसवाल ने कहा कि अंग्रेजों ने "फूट डालो और राज करो की नीति" के माध्यम से हमारे देश पर शासन किया, जाते-जाते भी विभाजन का एक ऐसा बीज बोकर गए जिसका सामना संपूर्ण देशवासियों को करना पड़ा। आजादी के पूर्व संध्या देशवासियों को विभाजन जैसी विभीषिका का दंश झेलना पड़ा, जिसके अंतर्गत हजारों लाखों परिवारों को अपना घर छोड़कर विस्थापित होना पड़ा। 
उनका हृदय जाने की गवाही नहीं दे रहा था फिर भी इस दंश को इच्छा के विरुद्ध उन्हें स्वीकार करना पड़ा। *यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व4 में वर्ष 2021 से उन हजारों लाखों पीड़ित परिवारों के प्रति मानवीय संवेदना व्यक्त करने तथा भविष्य की पीढ़ियों को वीर सपूतों के द्वारा किए गए समर्पण, त्याग व बलिदान को बताने के दृष्टिकोण से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जा रहा है*। यह दिवस विशेष कर आने वाली पीढियां के लिए काफी महत्वपूर्ण है जो यह नहीं जानते हैं की आजादी प्राप्त करने के लिए हमारे देश के वीर अमर जवानों के साथ कई परिवारों ने अपने प्राणों की आहुति तक दे दी। विभाजन के पूर्व संध्या कई परिवारों को अपना घर छोड़कर विस्थापित होना पड़ा। ऐसा4 दंश फिर भविष्य में न झेलना पड़े इसलिए यह दिवस अखंड भारत के दृष्टिकोण से भी मनाया जा रहा है।उन्होंने सभी पीड़ित परिवारों को मंच के माध्यम से मानवीय संवेदना व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
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जिलाधिकारी ने कहा कि चूंकि देश का विभाजन किसी विभीषिका से कम नहीं था। भारत के लाखों लोगों ने प्राणों की आहुति व बलिदान देकरर आजादी प्राप्त की थी, ऐसे समय पर देश का दो टुकड़ों में बंट जाने का दर्द लाखों परिवारों में एक गहरे जख्म की तरह घर कर गया था। *उन्होंने त्रासदी के दौरान प्राणोत्सर्ग करने वाले लोगों, उन सभी वीर शहीदों एवं पीड़ित परिवारों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा की विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' हमें न सिर्फ भेद- भाद, वैमनस्य एवं दुर्भावना को खत्म करने की याद दिलाता है बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तिकरण की प्रेरणा भी देता है*।

  मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि हम सभी विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर मानवीय संवेदना व्यक्त करने एवं सच्ची श्रद्धा अर्पित करने हेतु एकत्र हुए हैं।  विभाजन विभीषिका की भांति एक काले धब्बे की तरह हमारे इतिहास में वर्णित है। 2021 से यह निर्णय लिया गया की 14 अगस्त को प्रतिवर्ष विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाएगा। जो दंश विभाजन की पूर्व संध्या सभी देशवासियों को झेलना पड़ा उनकी स्मृति में यह दिवस आज मनाया जा रहा हैं।यह हमारे इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। *यह हमें अपने देश की एकता और अखंडता की महत्ता को समझने और सिखने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन को मनाकर हम यह संकल्प लेते हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और हम सब मिलकर एक सुरक्षित और सशक्त भारत का निर्माण करें*।

गौरतलब है कि इसी समय बंगात का भी विभाजन हुआ। इसमें बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग कर पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया था, जो कि सन् 1971 में बांग्लादेश के रूप में एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। भारत के इस भौगोलिक बंटवारे ने देश के लोगों को सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक तथा मानसिक रूप से झकझोर दिया था। 

 इस अवसर पर परियोजना निदेशक जगदीश त्रिपाठी, जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी, जिला विकास अधिकारी कल्पना मिश्रा, डीपीओ विनय कुमार,  उप जिलाधिकारी श्री प्रिंस, अर्थ एवं संख्या अधिकारी श्रवण कुमार सिंह, अपर जिला सूचना अधिकारी राहुल कुमार, कलेक्ट्रेट पटल सहायक समस्त विभागाध्यक्ष सहित अनेक कर्मचारी, जनप्रतिनिधि एवं जनपदवासी उपस्थित रहे।
 *दिनेश जायसवाल की रिपोर्ट*

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