प्रतापगढ़ संवाददाता गणेश
सरकार और समाज का संयुक्त प्रयास से 27 किलोमीटर सकरनी नदी का पुनरोद्धार कार्य हुआ पूरा,लोगों को मिलने लगा जल जीवन।
जनपद प्रतापगढ़ में बहने वाली आठ नदियों में एक नदी सकरनी का नाम आता है जो विकास की आंधी दौड़ में लोगों की आकांक्षाओं से पिछड़ कर विलुप्तप्राय हो गई थी।नदी के स्थान पर खेती और ऊंची ऊंची इमारतों के बनने के सपने पूरे होने लगे थे। इसी बीच जल,जंगल और जमीन की सिर्फ चिंता ही नहीं बल्कि पूरी शिद्दत और जुनून के साथ काम करने वाले पर्यावरण सेना प्रमुख अजय क्रांतिकारी के मन में नदी के स्थान पर मैदान देखकर पीड़ा हुई और उन्होंने नदी खोजने का अभियान शुरू किया।ग्रामीणों से संवाद के दौरान नदी के बारे जानकारी मिली तो उन्होंने इसे पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया और लोगों से सहयोग का वादा लिया।संसाधनों के अभाव में अजय क्रांतिकारी को सटीक रास्ता नहीं मिला फिर उन्होंने जिलाधिकारी संजीव रंजन जी को नदी की दुर्दशा पर चर्चा किया।इसके साथ अक्टूबर 2023 में विकास भवन सभागार में आयोजित जिला पर्यावरण एवं गंगा समिति के सदस्य होने के नाते पूरी मजबूती से सकरनी के पुनरोद्धार की बात समिति के समक्ष रखा।जिसको जिलाधिकारी संजीव रंजन ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हुए अविलंब कार्ययोजना बनाने का निर्देश दे दिया।जिला प्रशासन ने सकरनी नदी को पुनर्जीवित करने हेतु मनरेगा से एक करोड़ पैंतीस लाख रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की।नदी के पुनरोद्धार के संकल्प को मजबूत आधार मिल गया और समाज के लोगों ने नदी की खोदाई में पीढ़ियों के हित न सिर्फ मजदूरी किया बल्कि लोगों को बेहतर काम करने हेतु प्रोत्साहित करते हुए सैकड़ों लोगों ने श्रमदान भी किया।मजबूत इच्छाशक्ति और सामाजिक योगदान से मांधाता के नेवाड़ी ग्राम पंचायत से निकलकर लक्ष्मणपुर और सादर ब्लॉक के 20 ग्राम पंचायतों के हजारों परिवारों को पेयजल,सिंचाई और संतुलित पर्यावरण उपलब्ध करा कर समाज को पानीदार बना रही है।पर्यावरण सेना प्रमुख अजय क्रांतिकारी की इस पहल की जहां पूरे देश में सराहना हो रही है वहीं जनपद प्रतापगढ़ में विलुप्त नदी के पुनरोद्धार से अन्य नदियों को भी जीवन मिलने की आश जगी है और लोगों को बरसात में अनियंत्रित जल के कारण फसल की बरबादी और भूजल संकट से निजात मिलेगी और सतत विकास लक्ष्यों में पर्याप्त जल युक्त गांव और हरित गांव बनाने के लक्ष्य प्राप्ति में यह प्रयास सार्थक साबित हो रहा है।
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