"गंणमुखिया महोदया,"गंगा' की गोद में पलने वाले इस महान मुल्क को क्यों लुटा जा रहा है"अब यह सवाल मैं किससे करूं..?

25 सितंबर 2024 रात्रि 9:00 बजे
"गंणमुखिया महोदया 
 
"गंगा' की गोद में पलने वाले इस महान मुल्क को क्यों लुटा जा रहा है"अब यह सवाल मैं किससे करूं? मेरे सैकड़ो 'पत्रों -ज्ञापन'सत्याग्रह' का कोई उत्तर नहीं। 'विमर्श एवं'जवाबदेहीहीन व्यवस्था' को मैं 'निरंकुश' 'तानाशाही'कहना पसंद करता हूं' पेट' पथ' शिक्षा' चिकित्सा' रेल' पर लगाए गए कर'एवं कीमतों में की गई वृद्धि तत्काल वापस लीजिए। 

'पेट'एवं पथ पर 'कर'कोई चोर'लुटेरी'अनुशासनहीन' 'अपराधिक व्यवस्था' लगा सकती है क्योंकि"ससद के प्रति जवाबदेह"एवं"संविधान"से चलने वाली कोई सरकार"नहीं लगा सकती'
   
भगत सिंह गांधी अंबेडकर कलाम के इस महान मुल्क में आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही दवा पर टैक्स" 
लगाकर लोगों के शरीर से सरकार उसी प्रकार खून प्रकार चूस रही है जैसे अंग्रेजो ने''लैंड रिवेन्यू""के रूप में किसानों "हिंदुस्तान"का खून चूस लिया था। प्रधानमंत्री वित्त मंत्री भूतल परिवहन मंत्री 'मनमानी' जब चाहे कर' एवं कीमतों' में वृद्धि करतें हैँ यह जानते हुए कि" टैक्सेशन'पार्लियामेंट"का विषय है.

विधायिका'का कार्यपालिका' के विधायक सांसद मंत्री उनके बच्चे शिक्षा चिकित्सा रेल जहाज पानी बिजली सब कुछ नि:शुल्क लेते हैं हम चाहते हैं उक्त सुविधा हमें भी निशुल्क मिले और यदि ऐसा संभव नहीं है तो कम से कम शिक्षा'चिकित्सा' रेल"एक समान' एवं 'शुल्क रहित' कर दिया जाए क्योंकि संविधान में 'समानता की गारंटी'दी गई है
 
भरवाही गाड़ियों पर टोल टैक्स तो समझ में आता है परंतु निजी गाड़ियों पर 'पथकर टोल टैक्स'डकैती'है' कहीं आने-जाने की स्वतंत्रता,अनु 19,का'वायलेशन' है. मा. राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सांसद विधायक सहित तीन दर्जन से अधिक VIP की गाड़ियों पर टोल टैक्स नहीं लगता जबकि लोगों की गाड़ियों पर टोल टैक्स लिया जाता है यह'समानता के मौलिक अधिकार की हत्या"है.

ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि विधायिका कार्यपालिका में चोर लुटेरे बलात्कारी अपराधी पहुंच चुके हैं यदि उनके पास "रत्ती भर अनुशासन'होता तो पेट' प्राण' पथ' शिक्षा' चिकित्सा' रेल' पर कर न लगते। यदि ऐसी कर प्रणाली अतीत में होती तो "एपीजे अब्दुल कलाम"एवं द्रोपति मुर्मू राष्ट्रपति न बनते क्योंकि मछली'एवं महुआ'से होने वाली 'रत्ती भर आमदनी' टैक्स में चली जाती कैसे 'सरवाइव' करते?

 "गढ़मुक्तिया महोदय" 
या तो उक्त असंवैधानिक"अपराधिक' कर'एवं कीमतें '  समाप्त करिए या सत्ता बर्खास्त करिए क्योंकि कर' एवं कीमतों' में वृद्धि के कारण पैदा महंगाई जीवन' मानवता मार'रही है खासकर किसान मजदूर का जिसने'हिंदुस्तान' खड़ा किया है.
कॉपी :-- परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय
                 माननीय मानवाधिकार आयोग


 पूर्वांचल गांधी
9415418263

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