" महामहिम राष्ट्रपति महोदया "
हमें भगत सिंह का समाजवाद"गांधी का स्वराज"अंबेडकर का संविधान'कलाम का वैज्ञानिक'भारत चाहिए अंधविश्वास' एवं पाखंड 'में डूबा भारत कदापि नहीं"
'सत्य' इकलौता मार्ग है जिसपर मैं चलता हूं'
'महोदया'
गुलामी के समय में जिस रास्ते से अंग्रेजी गवर्नर निकलता था भिखारी'और क्रांतिकारी'भाग जाते थे.आज राष्ट्रपति' उप राष्ट्रपति'प्रधानमंत्री'मुख्यमंत्री'जिस रास्ते से निकलतें है उस रास्ते की अगल-बगल दिखने वाले गरीबों की झुग्गी झोपड़ियां उजाड़ दी जाती है और उसमे रहने वालों को खदेड़ दिया जाता है। ऐसा लगता है ये मा.गण यदि गरीबों की बस्तियां'एवं गरीबों को देख लेंगे तो इनको 'वायरस'पकड़ लेगा। 'तथ्य' यह है कि ये माननीय गर्दिश'एवं गरीबी'से गुजर कर यहां पहुंच हैं।
'महोदया'
राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम गोरखपुर विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर रेवती रमन पांडे के आग्रह पर 11 अगस्त 2003 को विवि में आये थे मैंने अपनी आंखों से वह दिन देखा था,विजन 2020"गोरखपुर विश्वविद्यालय का ऑडिटोरियम'प्रोफेसर्स 'स्टूडेंट' एवं बुद्धिजीवियों' पत्रकारों' से खचाखच भरा हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो बार गोरखपुर आए एक बार महाराणा प्रताप शिक्षण संस्थान दीक्षांत में और दूसरी बार 'गोरखनाथ विश्वविद्यालय के उद्घाटन' के अवसर पर,आज उपराष्ट्रपति जयदीप धनकड़ गोरखपुर सैनिक स्कूल के उद्घाटन में आए हैं. आज भी मैंने सब कुछ अपनी नजरों से देखा है.
"महोदया"
जनता के राष्ट्रपति"मिसाइल मैन"सरल एवं साधारण व्यक्ति" 'विजन 2020"की दृष्टि देने वाले भारत के 'महान वैज्ञानिक राष्ट्रपति' के पद चिन्हो पर चलने से अच्छा क्या है ? उनके पदचिन्हो पर चलने में हमें नुकसान एवं हर्ज क्या है?
'महोदय'
बुद्ध' कबीर' नानक' रहीम' रविदास' विवेकानंद' सावित्रीबाई' भगत सिंह'अशफ़ाकउल्ला गांधी''अंबेडकर'कलाम' के इस महान मुल्क को बचाइए। विधायिका कार्यपालिका के कुछ सदस्यों को छोड़कर शेष चोर' व्यभिचारियों' बलात्कारियों' अपराधियों'ने इस महान मुल्क को बेरोजगारी' गरीबी' महंगाई' विषमता' बलात्कार' झूठ' हिंसा' भय' नफरत' जातीय जहर' मदिरालय'में बदल दिया है.
प्रति: सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय मा मानवाधिकार आयोग
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी
सत्यपथ ps शाहपुर गोरखपुर
9415418263
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