आपदा में प्रत्येक विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण: जिलाधिकारी

 *जन समुदाय की सहभागिता आपदा न्यूनीकरण की मुख्य कड़ी: जिलाधिकारी* 

 *गोरखपुर* 

बीते 20 सितंबर 2024 को एनडीआरएफ द्वारा  मोहद्दीपुर क्षेत्र के दो प्रमुख भवनो, ओरियन मॉल एवं ऑर्किड ग्रीन रेजिडेंसी अपार्टमेंट में भूकंप एवं अग्निकांड के दौरान की जाने वाली गतिविधियों का संजीव प्रस्तुतीकरण किया गया।

 इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) के तहत की गई कार्रवाई में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आपदा में घटित होने वाली घटना में की जाने वाली कार्यवाही आईआरएस के अंतर्गत किया गया। आईआरएस में सभी विभाग/कार्यालय अध्यक्षों के कार्य एवं उत्तरदायित्व का निर्धारण किया गया है।

 जिला इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (इओसी) का संचालन अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम के नेतृत्व में आपदा प्राधिकरण कार्यालय, कलेक्ट्रेट में स्थापित जिला ईओसी का संचालन किया गया। वायरलेस सेट के माध्यम से सूचनाओं का प्रेषण तथा विभागों द्वारा की जा रही कार्रवाई का दस्तावेजीकरण का कार्य किया गया।

 रूट डाइवर्जन व ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण कर मोहद्दीपुर से एयरपोर्ट जाने वाली मुख्य मार्ग को घटित आपदा के दृष्टिगत ग्रीन कॉरिडोर में परिवर्तित करते हुए रूट को डायवर्ट किया गया। पेडलेगंज और यूनिवर्सिटी की तरफ से आने वाले वाहनों को मोहद्दीपुर से चार फाटक फ्लावर के नीचे से हाइडिल रोड होते हुए मूव कराया गया जिससे कि राहत एजेंसियां त्वरित रूप से घटना स्थल तक पहुंच सके।

 विभागों के मध्य समन्वय स्थापित करने, आवश्यक दिशा निर्देश देने तथा सूचनाओं के प्रेषण हेतु गोपाल मंदिर परिसर में स्टेजिंग एरिया एवं कमांड पोस्ट का निर्माण किया गया। उक्त स्थल पर पुलिस विभाग द्वारा वायरलेस स्टेशन की स्थापना, राजस्व, एनडीआरएफ, स्वास्थ्य, नगर निगम, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन आदि विभागों ने अपने संसाधनों का प्रदर्शन करते हुए पोस्ट की स्थापना की। स्टेजिंग एरिया का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) गोरखपुर ने किया।

 यहां पर11वीं वाहिनी एनडीआरएफ एवं अन्य विभागों के सहयोग से ऑर्किड ग्रीन अपार्टमेंट में भूकंप के दौरान फंसे लोगों का रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। एनडीआरएफ टीम ने दीवाल काटकर (प्रतीकात्मक रूप से) अंदर फंसे व्यक्ति को बाहर निकाला और रस्सा बांधकर तीसरे और चौथे माले पर फंसे व्यक्तियों एवं बच्चों को निकालने की कार्यवाही का संजीव प्रस्तुतीकरण किया।

 मलबा निस्तारण तथा विद्युत आपूर्ति हेतु पहुंची नगर निगम की टीम ने भूकंप के पश्चात क्षतिग्रस्त हुए भवनो के मलबों को हटाने तथा क्षतिग्रस्त हुए विद्युत पोलो को ठीक करने के लिए जेसीबी, ट्रक, लोडर, पानी टंकी, क्रेन, सफाई कर्मचारियों आदि संसाधनों के साथ पहुंच कर कार्य में सहयोग प्रदान किया।

 भूकंप की दृष्टिगत प्रभावित परिवारों को सुरक्षित एवं समुचित सहायता उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से हाइडिल गेस्ट हाउस मोहद्दीपुर को राहत शिविर के रूप में प्रयुक्त किया गया। शिविर के अंतर्गत महिलाओं व पुरुषों को रहने हेतु पृथक रूप से व्यवस्था, शुद्ध पेयजल, शौचालय, मेडिकल टीम, पंजीकरण स्थल, वैकल्पिक शिक्षा आदि अन्य व्यवस्थाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया।

 भूकंप के पश्चात यह संभावित है की किन्हीं क्षेत्र में अग्निकांड की घटनाएं हो सकती हैं। उक्त के दृष्टिगत ओरियन मॉल में अग्निकांड की घटना का संजीव प्रस्तुतीकरण किया गया। अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा, एनसीसी, आपदा मित्र व सखी तथा ओरियन मॉल के कर्मचारियो के सहयोग से मॉल में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया और फायर टेंडर की मदद से आग पर काबू पाया गया।

 इसी प्रकार इमरजेंसी अस्पताल की स्थापना करभूकंप में प्रभावित हुए व्यक्तियों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराने हेतु 100 शैय्या टीवी अस्पताल नंदा नगर में 20 बेड का ओपन अस्पताल संचालित किया गया। अस्पताल में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ऑक्सीजन तथा अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई।

 एच.यू.आर.एल. में ऑन साइट ड्रिल कर हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड बरगदवा में फैक्ट्री के अंतर्गत ऑन साइट ड्रिल का आयोजन किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि फैक्ट्री के अंतर्गत कहीं से कोई रिसाव नहीं हो रहा है।

मॉक ड्रिल कार्यक्रम का नेतृत्व विनीत कुमार सिंह अपर जिलाधिकारी (वि/रा)/प्रभारी अधिकारी (आपदा)/ इंसीडेंट कमांडर एवं जितेंद्र कुमार पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी)/ ऑपरेशन सेक्शन चीफगोरखपुर ने किया। एनडीआरएफ से प्रेम कुमार पासवान डिप्टी कमांडेंट तथा इंस्पेक्टर सुधीर कुमार मय टीम उपस्थित रहे। अग्निशमन विभाग से शांतनु कुमार एफएसओ ने नेतृत्व किया। नागरिक सुरक्षा से डॉक्टर संजीव गुलाटी चीफ वार्डन तथा सत्य प्रकाश सिंह उप नियंत्रक मय टीम ने कार्य किया। चिकित्सा विभाग से डॉ राजेश कुमार अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मय टीम उपस्थित रहे। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से प्रतीक, मनोज, मनदीप, राणा, विवेक तथा भारी संख्या में आपदा मित्र व सखी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गौतम गुप्ता जिला आपदा विशेषज्ञ, गोरखपुर ने किया।

 *दिनेश जायसवाल की रिपोर्ट*

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