NIA द्वारा अहमद मुर्तजा अब्बासी के फांसी की सजा न्याय की आत्मा का हनन: पूर्वांचल गांधी

22 सितंबर 2024
 "महामहीन राष्ट्रपति महोदया 
                        
NIA भंग की जाय 
'महोदया'
'National Investigation Agency(NIA) is working as the Central Counter Terrorism Law Enforcement Agency in India.' 

the National Investigation Agency Act 2008 by the Parliament of India on 31 December 2008, which was passed after the deadly 26/11 terror attack in Mumbai. Such an attack revealed the failure of intelligence and ability to track such activities by existing agencies in India, hence the Government of India realised the need for a specific body to deal with terror related activities in India गूगल

एजेंसी जांच के लिए'बनी 'सुनाती है फांसी की सजा'?फांसी की सजा सुनाने का एकमात्र अधिकार न्यायालय के पास है 'जीवन के अधिकार'अनुच्छेद 21 का हनन कोई सरकारी एजेंसी कैसे कर सकती?.NIA द्वारा फांसी की सजा सुनाने का अर्थ है "न्याय एवं न्यायालय की आत्मा' उससे निकाल लेना"जांच एजेंसीज के गठन से 'टेररिस्ट एवं नक्सली अटैक कैसे रुक सकता?यह कौन सा लॉजिक है? टेरर' नक्सल' रेप' मर्डर' की उत्पत्ति के पीछे कारण क्या हैं?उसे समाप्त करना चाहिए। अपराध की जड़े कहां है? उसे समाप्त करना पड़ेगा। NIA गठन के बाद आतंकी'नक्सली'कम्युनिटी कनफ्लिक्ट' बलात्कार'हिंसा' NIA' पुलिस की नजरों के सामने। 

CBI'NIA''IB'ED संस्थाएं सरकारों की 'निजी जाँच एजेंसी' के रूप में काम करती हैं 

On Monday, January 30, a special NIA-ATS court in Lucknow awarded death penalty to a 35-year-old IIT graduate, Ahmed Murtaza Abbasi, for attacking 2 Provincial Armed Constabulary (PAC) men outside the Gorakhnath temple in Gorakhpur, UP, on April 3, 2022. Abbasi was arrested on charges of Unlawful Activities and Prevention Act (UAPA) for waging war against the country and for a murderous attack. गूगल

3 अप्रैल 2022 की घटना, 30 जनवरी 23,NIA -ATS कोर्ट लखनऊ द्वारा फांसी "फॉर एटेकिंग पीएसी मैन आउटसाइड द गोरखनाथ टेंपल"फॉर एबेगिग वार अगेंस्ट द कंट्री'"फॉर ए मर्डरस अटैक"अरेस्टेड ऑन चार्जेस ऑफ अनलॉफुल एक्टिविटीज एंड प्रीवेंशन एक्ट UAPA.इतनी जल्दीबाज़ी?
जांच एजेंसी ने यह नहीं लिखा कि वह 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हत्या करने या किसी की हत्या करने गया था'। अकेले मंदिर पर अटैक? सैकड़ो फाॅर्स, कई एकड़ में फैला मंदिर? एक गडासा'चाकू' के साथ गोरखनाथ मंदिर के गेट पर पहुंचा सुरक्षा कर्मी पकड़ने की कोशिश किये घायल हो जाते हैं वह मंदिर प्रवेश की कोशिश करता है पकड़ा जाता है उसके लैपटॉप में कुछ सबूत'(जांच एजेंसी को मालूम) मंदिर अटैक से पूर्व वह नेपाल गया था. 

'मनोवैज्ञानिक टीम उसके 'मनोदसा"की जांच करें' CBI NIA ATS नहीं.अहमद मूर्तजा अब्बासी ने ऐसा क्यों किया? इसकी जाँच जांच एजेंसिंया करें'आतंकवाद के नाम पर मुर्तजा अहमद अब्बासी को फांसी क्यों? उल्लेखनीय है कि ऐसी जांच एजेंसियों के गठन के बाद नक्सली'आतंक'हिंसा'बढ़ती ही गई कम नहीं हुई। इनसे जीवन'मानवता"एवं संविधान 'बायोलेट हुआ है इसलिए इनके अस्तित्व पर सवाल खड़ा है.
 
कॉपी:-     सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय
            माननीय मानवाधिकार आयोग, 
                     माननीय गृह मंत्री
      श्रीमान निदेशक सीबीआई एनआईए आईबी

डॉ संपूर्णानंद मल्ल             पूर्वांचल गाँधी 
सत्यपथ  ps शाहपुर  273004 गोरखपुर
9415418263      snm. 190907@yahoo. co. in

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