मैं पुनः निवेदन करता हूं आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही दवा पर tax समाप्त कर दें


3 सितंबर 2024
"महामहिम राष्ट्रपति महोदया "
'महोदया'
 
                  "मुझे संविधान चाहिए"     
'राष्ट्रपति भवन मेरे पत्रों का जवाब क्यों नहीं देता ? मेरे हिस्से का लोकतंत्र'गणतंत्र'कहां है?मेरी,'संवैधानिक' मांग है यही है कि पेट'एवं पथ'पर शिक्षा' चिकित्सा'रेल पर कर' एवं कीमतों' में वृद्धि समाप्त कर दें शिक्षा चिकित्सा रेल्स संचार'एक समान'शुल्करहित' कर दें ताकि समानता की आत्मा से निर्मित संविधान 142 करोड़ पा सकें. गरीब अमीर एक विद्यालय में पढ़ें' एक चिकित्सालय में उनका इलाज हो' ट्रेन में साथ-साथ यात्रा करें। सरकारी कर्मियों के बुढ़ापे का 'प्राण पेंशन'वापस दे दे गरीबों को निशुल्क रसोई गैस दें ताकि उन्हें खाने के अभाव में न सोना पड़े आखिर यह सब माननीय फ्री लेते हैं.

'महोदया'
भगत सिंह गांधी अंबेडकर कलाम की महान भूमि भारत को कार्यपालिका'विधायका'के चोर अपराधियों' व्यभिचारियों' बलात्कारी'लुटेरों नें 'अंधेर नगरी' में बदल दिया है इनमें चरित्र' अनुशासन'नहीं है।

'महोदया'
क्रूर''जालिम सिँह (एक अत्याचारी राजा)सरकार ने आटा चावल गेहूं दाल तेल चीनी दूध दही दवा जो 'जीवन है''प्राण है'पर टैक्स'लगा दिया'संविधान'की हत्या कर दी.शिक्षा चिकित्सा रेल पर कर'लगा दी कीमतें' बढ़ा दी.निजी गाड़ियों पर पथकर' टोल टैक्स लगा दिया। इनके अनुशासनहीनता'की पराकाष्ठा तब हो गई जब अपनी गाड़ियों पर टोल टैक्स न देने का कानून पास कर लिया (2008)'राइट टू इक्वलिटी 14-18"की हत्या कर दी। सरकारी सेवकों के बुढ़ापे का प्राण पेंशन छीन लिया(2003)ईंधन गैस ₹1000/सिलेंडर कर दी 

'महोदया'
कई सो पत्र/ज्ञापनों में मैं यही पूछा है कि 5 किलो अनाज में जीवन की तलाश करने वाले 80 करोड़ कंगाल'एवं 22 करोड़ कुपोषित'जिनके पास फूटी कौड़ी नहीं है महंगा दाल चीनी तेल दवा शिक्षा चिकित्सा रेल गैस सिलेंडर कहां से खरीदेंगे?इसपर टैक्स क्यों लगाया? हमारा जीवन छीन कर कौन सा विकास  हमें देना चाहते हैं?जब लोग ही नहीं रहेंगे तब यह विकास किस काम का? सरकार कोई जवाब नहीं देती.

'महोदया'
मैं पुनः निवेदन करता हूं आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही दवा पर tax समाप्त कर दें शिक्षा चिकित्सा रेल 'एक समान' शुल्क रहित'कर दें निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त कर दें सरकारी कर्मियों के बुढ़ापे का 'प्राण पेंशन'वापस कर दें गरीबों को गैस सिलेंडर शुल्क रहित दें ताकि उनके बच्चे'वृद्ध' माता- पिता'पत्नी'को भूखे न सोना पड़े। आखिर जीवन की उक्त ज़रूरतें माननीयों को 'फ्री"मिलती है.

'महोदया'
अनशन'एवं सत्याग्रह'के कारण मैं अस्वस्थ'एवं कमजोर हूं मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही है फेफड़ों में सूजन है(जिला चिकित्सालय गोरखपुर) मैं अपना संवैधानिक मौलिक अधिकार जीवन'एवं स्वतंत्रता'जो टैक्स के जंजीरों में जकड़ी है,समाप्ति चाहता हूं।यद्यपि में अनशन नहीं कर सकता परंतु जब 7 लोक कल्याण मार्ग प्रधानमंत्री आवास नई दिल्ली पर 'तिरंगा उठाऊंगा तब कर'एवं कीमतों' के'आर्बिट्रेरीऑर्डर्स'वैसे ही तोडूंगा जैसे गांधी ने फिरंगियों का नमक कानून तोड़ा था। पेट एवं पथ'पर टैक्स लगाकर'महंगाई रूपी अपराध'पैदा करने वाली 'क्रूर सरकार'यों ही समाप्त हो जाएगी.

प्रति : सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय मामानवाधिकार आयोग

'पूर्वांचल गांधी'
सत्यपथ ps शाहपुर गोरखपुर 273004
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