राष्ट्रपति महोदया''चारों तरफ शोर'आवाज'मैसेज'बधाइयां शुभकामनाएं''बुराई पर अच्छाई'अधर्म पर धर्म की"विजय पर्व विजयदशमी'की.

12 अक्टूबर 2024
'राष्ट्रपति महोदया'
'चारों तरफ शोर'आवाज'मैसेज'बधाइयां शुभकामनाएं''बुराई पर अच्छाई'अधर्म पर धर्म की"विजय पर्व विजयदशमी'की.

हर वर्ष विजयदशमी पर हमारी अच्छाई'मूल्य' 'चरित्र मानवता'पहले से कमजोर हो जाती है और बुराई मजबूत हो जाती है,यानी झूठ' हिंसा चोरी'अपराध'बलात्कार'में वृद्धि हो जाती है 

जगह-जगह पंडालों में मातृ सत्ता'मातृ सत्ता के हाथ में हथियार'शेर पर सवार'एक पुरुष के सीने पर,जिसे पुरुष रूप 'राक्षस'दिखाया जाता है जो भैंसे पर सवार होता है,पैर रखी हुई। उस पंडाल में और बाहर चारों तरफ इलेक्ट्रिक संचारित हिंसक वाक्य एवं शोर किसी अराजकता एवं हिंसा संकेतक से कम नहीं। शराबी लफंगे निठल्ले गजेड़ी हिंसा में उद्धत' बलात्कार'एवं व्यभिचार'में लिप्त गंदे-गंदे गाने'बाजे DJ पर नाचने वाले'धर्म'यानी'सत्य'अहिंसा'अस्तेय से अनविज्ञ'

वेद उपनिषद रामायण महाभारत गीता जो हमारे धर्म के स्रोत ग्रंथ हैं,में ऐसे त्योहार का कोई जिक्र नहीं है। देवी की उपासना पैदा करने वाली माँ के लिए की गई है। 

इस अराजक त्यौहार की आड़ में चोर बलात्कारी हिंसक अपराधी देवत्व रूप प्राप्त करने की कोशिश करते हैं आयोजक देवी पुत्र' देवी भक्त' रूप में अपने को सिद्ध करने की कोशिश करते हैं
किससे पूछूं की सत्य'अहिंसा'की विरासत"के इस महान मुल्क में आखिर यह हिंसा प्रदर्शन क्यों?

प्रति :-         सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय
                  माननीय मानवाधिकार आयोग
पूर्वांचल गांधी
 'सत्यपथ'
9415418263

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