"राष्ट्रपति महोदया" निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स हमारी स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की हत्या है

जेपी नारायण जयंती 11 अक्टू 24
"राष्ट्रपति महोदया" निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स हमारी स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की हत्या है इसलिए संविधान दिवस 26 नवंबर तेनुआ टोल प्लाजा गोरखपुर में इसे तोडूंगा सरकार से पुनःनिवेदन करता हूं कि निजी गाड़ियों पर असंवैधानिक'  टोल टैक्स'समाप्त कर दे या प्रत्येक टोल पर दोनों तरफ एक एक टोल लेन फ्री कर दे ताकि पैसे के अभाव में कहीं आने-जाने के मौ.अधिकार से कोई वंचित न रह जाय

अब जबकि यह पत्र लिख रहा हूं मेरा धैर्य टूट चुका है.सैकड़ो पत्र /ज्ञापन प्रेषित किया परंतु सरकार का जवाब नहीं 'तानाशाही।हम अपने ही देश में टैक्स की गुलामी'में जी रहे हैं यह गुलामी और अधिक बर्दाश्त नहीं कर सकता इसलिए संविधान दिवस 26 नवंबर तेंदुआ टोल प्लाजा गोरखपुर निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स वैसे ही तोडूंगा' जैसे गांधी ने फिरंगियों का नमक कानून तोड़ा था।
क्या हम टैक्स देते मर जाने के लिए पैदा हुए हैं?हमें टैक्स की जंजीरों में जकड़ने का अधिकार किसने दिया? क्या संविधान चलने पर कर लगाने की अनुमति देता है?और यदि नहीं है तो हमारे पैरों में टैक्स की जंजीरें क्यों डाली? 
"महोदया"
आपको प्रेषित सैकड़ो पत्र एवं ज्ञापनों में मैंने निवेदन किया था कि निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स 'कहीं आने-जाने की स्वतंत्रता के 'मौलिक अधिकार' की हत्या है.यह 'समानता के मौलिक अधिकार' की हत्या भी है क्योंकि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सांसद विधायक सहित तीन दर्जन से अधिक VIP की गाड़ियों पर टोल टैक्स नहीं लगता फिर लोगों की गाड़ियों पर टोल टैक्स क्यों?समानता के मौलिक अधिकार में VIPआधार  पर टोल टैक्स में छूट का उल्लेख नहीं है। जमीने हमने दी'सड़के हमने बनाई' बनाने के लिए पैसे हमने दिए' इन सड़कों पर जितना अधिकार प्रेसिडेंट का है उतना ही 142 करोड लोगों का है फिर लोगों की गाड़ियों पर टोल टैक्स क्यों? सड़कों पर चलने वाली 80% निजी गाड़ियां कर्ज उधार आदि मुश्किल से किसी ने खरीदी है गाड़ी खरीदने समय'उत्पाद शुल्क'दिया"वन टाइम रोड टैक्स' दिया जब पेट्रोल पंप पर गया तो ₹50 का डीजल पेट्रोल सीएनजी ₹100 में खरीदा और जब रोड पर जाता है तब सरकारी डकैती अड्डों पर टोल टैक्स? इसे मैं खुली बेशर्म लूट'न कहूं तो क्या कहूं? टोल टैक्स हमेशा रिड्यूजिंग रेट में लगता है उसमें वृद्धि नहीं की जा सकती यदि किसी टोल मार्ग पर ₹50 टोल टैक्स लेना चालू हुआ तो अगले वर्ष टोल टैक्स रु 60 नहीं लिया जा सकता। लुटेरे महंगाई की तरह टोल टैक्स में वृद्धि करते हैं इन्हें इतनी भी जानकारी नहीं कि महंगाई कर'एवं कीमतों'में वृद्धि के कारण पैदा हुई है सामान्य तौर पर 10 वर्ष में टोल मार्ग फ्री कर दिया जाता है क्योंकि उसकी लागत मूल्य वसूली हो जाती है। क्या 142 करोड लोगों ने निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स वसूली की मांग की?क्या 545 एवं 243 सांसदों ने निजी गाड़ियों पर टोल लगाने की वकालत की? सड़क संचार का साधन है पैसा कमाने का स्रोत नहीं।

क्या आजादी के समय किसी ने सोचा कि होगा आजादी हासिल होने पर हिंद के हिंदुस्तानी लुटेरे सत्ता में आएंगे और अंग्रेजों ने भू लगान वसूला संवैधानिक लुटेरे खाने' चलने'शिक्षा'चिकित्सा'रेल'पर कर लगा देंगे. देखते ही देखते हिंदुस्तानी सरकारी लुटेरों ने हिंदुस्तान को टोल टैक्स अड्डों का मुल्क बना दिया।पिछली लुटेरी सरकार ने टोल टैक्स चालू किया था परंतु उनका TT दाल में नमक के समान था पैसा न रहने पर किनारे के लेने से निजी गाड़ियां निकल जाती थी

पुनःनिवेदन करता हूं कि निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त कर दें या प्रत्येक टोल पर दोनों तरफ एक-एक टोल लेन फ्री कर दें ताकि पैसे के अभाव में 'कहीं आने जाने के मौलिक अधिकार'से कोई वंचित न रह जाय। संविधान दिवस तक यदि ऐसा नहीं हुआ तो निजी गाड़ियों पर'टोल टैक्स गुलामी'तोडूंगा

प्रति :- सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय- 
            मा.भूतल परिवहन मंत्री
            उन सबको जो सड़क मार्ग से यात्रा करते हैं

डॉ संपूर्णानंद मल्ल                    पूर्वांचल गांधी
'सत्यपथ'ps शाहपुर गोरखपुर
9415418263  snm.190907@yahoo.co.in

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