रियाद। सऊदी अरब के रियाद में स्थित भारतीय दूतावास ने सभी 11 शास्त्रीय भाषाओं के ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाला एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम सप्ताह भर चलने वाले प्रवासी परिचय-2024 का हिस्सा था और इसमें 500 से अधिक भारतीय प्रवासी सदस्यों ने भाग लिया।
इस दौरान भारतीय दूतावास ने भारत सरकार की ओर से मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने का जश्न मनाया।
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने अपने एक वीडियो संदेश में शास्त्रीय भाषाओं के महत्व को बढ़ाने के लिए मिशन के प्रयासों का उल्लेख किया। इस कार्यक्रम में 90 मिनट का एक नाटक शामिल था, जिसमें सभी 11 शास्त्रीय भाषाओं - असमिया, बंगाली, मराठी, पाली, प्राकृत, संस्कृत, तेलुगु, मलयालम, तमिल, कन्नड़ और बंगाली से जुड़े कई ऐतिहासिक किस्सों और पहलुओं को प्रदर्शित किया गया। इस दौरान प्रतिभागियों की ओर से पेश कविता, संवाद, गीत-संगीत और नृत्य आदि की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संयोजन रियाद में रहने वाली एक निपुण संस्कृत विद्वान सुमना नाइक ने किया। मिशन ने अन्य विद्वानों और शास्त्रीय भाषाओं के मूल वक्ताओं का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस अनूठे कार्यक्रम में सहयोग किया और विभिन्न भाषाओं के बीच कई समानताओं पर प्रकाश डाला।
दूतावास ने भारतीय स्कूल के एक शिक्षक की भी सराहना की, जिन्होंने पाली और प्राकृत में कविता पाठ किया। प्रवासी भारतीयों के बीच इस अनूठे कार्यक्रम की काफी सराहना हुई, जिसमें दिखाया गया कि 'शास्त्रीय' भाषाएं हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत की संरक्षक के रूप में काम करती हैं।
पिछले साल, दूतावास ने प्रवासी परिचय के पहले संस्करण के हिस्से के रूप में शास्त्रीय भाषा 'संस्कृत' में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम का उल्लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2023 के अपने कार्यक्रम 'मन की बात' में किया था। इसके अलावा, दूतावास हर सर्दियों में 'एम्बेसडर्स चॉइस' नामक एक वार्षिक फिल्म महोत्सव का आयोजन करता है। इस साल भारत की एक शास्त्रीय भाषा में एक फिल्म भी दिखाई जाएगी।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)
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